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बिलासपुरराजनीति

बेलतरा विधानसभा: जोगी कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ बसपा में सुलग रही चिंगारी… कभी भी दहक सकती है आग… टाह की राह में उग रहे हैं कांटे…


बिलासपुर/ जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे से गठबंधन के साथ ही बेलतरा विधानसभा में बसपा में बगावत के सूर उठने लगे हैं। हालांकि अभी सार्वजनिक तौर पर विरोध का कोई स्वर सामने नहीं आया है, लेकिन अंदर ही अंदर अनुसूचित जाति वर्ग से ताल्लुक रखने वालों की सामाजिक बैठकों का दौर शुरू हो गया है। सामाजिक नेता कह रहे हैं कि क्या हमने बेलतरा विधानसभा में बसपा को इसलिए खड़ा किया था कि ऐन वक्त पर मौका परस्त को हमारे सिर पर थोप देंगे। ये हमें बर्दाश्त नहीं करेंगे।

प्रदेश में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ ने बहुजन समाज पार्टी और सीपीआई से विधानसभा चुनाव के मद्देनजर गठबंधन कर लिया है। जकांछ ने बसपा को प्रदेश में 35 सीटें दी हैं। इनमें से कुछ सीटों पर भी जकांछ सुप्रीमो अजीत जोगी अपने मनपसंद के उम्मीदवार उतार रहे हैं। बिलासपुर जिले की बात करें तो सात विधानसभा में से बसपा को सिर्फ मस्तूरी विधानसभा दी गई है। बेलतरा में जोगी कांग्रेस ने पूर्व बीडीए अध्यक्ष अनिल टाह को अपना उम्मीदवार पहले ही घोषित कर रखा है। उधर, गठबंधन होने से पहले बसपा नेता पांच साल तक चुनाव की तैयारी कर रहे थे। ऐन चुनाव के मौके पर गठबंधन होने और बेलतरा सीट जोगी कांग्रेस के खाते में जाने से बसपा नेताओं की पैरों तले की जमीन खिसकती नजर आ रही है। हालांकि बसपा नेता अब तक हार नहीं माने हैं।

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गठबंधन के साथ ही क्षेत्र में अनुसूचित जाति वर्ग से ताल्लुक रखने वाले लोग एक-दूसरे से संपर्क साधने में लग गए हैं। नाम नहीं छापने की शर्त पर बसपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि 15 दिनों के अंदर क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों में सामाजिक बैठक हो चुकी है, जिसमें समाज के नेता यही कहा कि एक समय बिलासपुर जिले में बसपा का कोई झंडा उठाने वाला नहीं था। दलित समाज के उत्थान के मकसद से बनाई गई पार्टी का दामन अजा वर्ग ने थामा और हर घर से एक-एक मुट्‌ठी चावल जुटाकर पार्टी के लिए काम किया। कड़ी मेहनत के बाद पार्टी को हमारे समाज ने बिलासपुर के साथ ही छत्तीसगढ़ में पहचान दिलाई। जब स्व. कांशीराम बसपा के कर्ताधर्ता थे, तब उन्होंने वायदा किया था कि सीपत (अब बेलतरा) और चांपा सीट को अजा समाज को दिया जाएगा और उन्होंने दिया भी। 1998 के विधानसभा चुनाव में बेलतरा क्षेत्र के सामाजिक नेताओं और कार्यकर्ताओं ने दमखम दिखाया और यह सीट बसपा की झोली डाल दी थी। 2018 के विधानसभा चुनाव में गठबंधन करने से पहले पार्टी के नेताओं ने जमीनी कार्यकर्ताओं, ब्लॉक और जिले के पदाधिकारियों को भरोसे में नहीं लिया। प्रदेश स्तरीय नेताओं ने आपस में बैठकर सीटें बांट लीं। यह जायज नहीं है। बसपा नेताओं का कहना था कि जोगी कांग्रेस के नेता और मरवाही विधायक अमित जोगी आउट सोर्सिंग से भर्ती करने के मामले को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधते हैं, तो क्या अनिल टाह आउट सोर्सिंग नेता नहीं हुए, जिन्हें बिलासपुर से लाकर बेलतरा में थोप दिया गया है। बसपा नेता समाज से किसी भी नेता को प्रत्याशी बनाने के लिए लॉबिंग कर रहे हैं। उनका साफ कहना है कि यदि समाज से जोगी कांग्रेस प्रत्याशी बनाती है तो पूरा समाज उनका साथ देगा। वे गोपनीय रणनीति बनाने के साथ टिकट घोषणा के इंतजार में हैं।

जानिए वोटों का जातीय समीकरण

अनुसूचित जाति: 44 हजार कुल वोट- 21 हजार सूर्यवंशी, 7 हजार सतनामी, 6 हजार कोरी, 5 हजार अढ़ोलिया और अन्य 3 हजार।

ओबीसी : 88003 कुल वोट- 21 हजार साहू, 16 हजार यादव, 12 हजार कुर्मी, 10 हजार केंवट, 8 हजार अघरिया, 5 हजार बरगाह, 5 हजार बुनकर, 5 हजार ढीमर और 5 हजार काछी, 5 हजार मराठा, 5 हजार पनिका, 3 हजार नाई।

सामान्य: 40 हजार कुल वोट- 28 हजार ब्राह्मण, पांच हजार ठाकुर, सात हजार वोट बनिया।

अजजा: 20 हजार कुल वोट- 15 हजार गोंड, अन्य पांच हजार।

मुस्लिम: 4500

ईसाई: 1500

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