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बिलासपुरराजनीति

तखतपुर विधानसभा: संतोष कौशिक के चुनाव मैदान से हटने की उड़ रही खबर…जोगी कांग्रेस के नेता कह रहे- विरोधी फैला रहे हैं ये अफवाह…जनता असमंजस में…


बिलासपुर/13/11/2018/ जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे से तखतपुर प्रत्याशी संतोष कौशिक के बैठने की खबर क्षेत्र में तेजी से फैल रही है। जनता के बीच चर्चा है कि पिछले विधानसभा चुनाव की तरह वे एक बार फिर अपना हथियार डालकर घर बैठ गए हैं। हालांकि इसे जोगी कांग्रेस से जुड़े नेता विरोधियों द्वारा फैलाई गई महज अफवाह बता रहे हैं और स्वयं प्रत्याशी कौशिक भी सफाई देते फिर रहे हैं कि वे चुनाव मैदान में डंटकर खड़े हुए हैं। किसी तरह की अफवाह में जनता न आएं।

तखतपुर विधानसभा में इस बार दिलचस्प मुकाबला है। कुछ दिन पहले तक यहां त्रिकोणीय संघर्ष की स्थिति बनी हुई थी। दरअसल, भाजपा से हर्षिता पांडेय, कांग्रेस से रश्मि सिंह चुनाव मैदान में हैं। इधर, बहुत पहले से ही जोगी कांग्रेस ने संतोष कौशिक को अपना प्रत्याशी घोषित कर रखा है। भाजपा-कांग्रेस के टिकट घोषित होने से पहले ही जोगी कांग्रेस के प्रत्याशी कौशिक ने जनता से संपर्क करना शुरू कर दिया था, तब भी जनता उनसे सवाल कर रही थी कि इस बार तो वे चुनाव दमखम से लड़ेंगे। दरअसल, पिछले चुनाव में कौशिक सात दिन पहले ही मोबाइल बंद कर भूमिगत हो गए थे। उस समय कौशिक को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही थीं। ज्यादातर लोगों का कहना था कि वो एक पार्टी के प्रत्याशी के समर्थन में बैठ गए हैं। जनता के बीच आए सवाल को लेकर वे शुरुआत से परेशान रहे और लगातार दौरा कर जनता को भरोसा दिलाते रहे कि इस बार ऐसा नहीं होगा। लगातार दावे और भरोसा दिलाने से जनता यह मान गई थी कि वे चुनाव मैदान से नहीं हटेंगे। जोगी कांग्रेस का बसपा से गठबंधन और तखतपुर सीट जोगी कांग्रेस के खाते में जाने से संतोष कौशिक की स्थिति और मजबूत हो गई थी। ये अलग बात है कि बसपा के अधिकांश स्थानीय नेता अब भी उन्हें स्वीकार नहीं कर रहे हैं, पर खंदग की लड़ाई के लिए उन्होंने इतने सिपहसालार तैयार कर लिए कि जंग के मैदान में अपनी वीरता की छाप छोड़ सके। इधर, बीते शनिवार की रात गनियारी में आयोजित सभा से वे अचानक गायब हो गए। पता चला कि वे अस्पताल में भर्ती हो गए हैं। यह खबर पूरे विधानसभा क्षेत्र में आग की तरह फैली। जनता के मन में फिर एक बार उनके खिलाफ शंका बैठ गई कि मतदान से महज 10 दिन पहले अस्पताल में कैसे भर्ती हो गए। यह पिछले चुनाव की तरह कोई चाल तो नहीं है। जनता एक-दूसरे से चर्चा करने लगी कि जिसका डर था, वही हुआ। पिछले चुनाव में वे कहां गए थे, ये तो पता नहीं चला, पर इस बार अस्पताल का सहारा ले लिया है। हालांकि अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद कौशिक क्षेत्र के गांवों में घूम-घूमकर एक बार फिर जनता को विश्वास दिलाने की कोशिश कर रहे हैं कि वे चुनाव मैदान में खड़े हुए हैं। विरोधी उनसे डर गए हैं। इसलिए ऐसी अफवाह फैला रहे हैं, पर विरोधियों ने जनता के सामने पिछले चुनाव के अनुभव और वर्तमान स्थिति के बारे में इतनी हवा फैला दी है कि जनता के मन से शंका का समाधान ही नहीं हो पा रहा है।

सिपहसालार भी असमंजस में फंस गए हैं कि क्या वाकई में घर बैठने वाली बात अफवाह है। बिरकोना की सभा से अस्पताल में भर्ती होने मात्र से जोगी कांग्रेस के प्रत्याशी कौशिक की सारी तैयारी धरी की धरी रह गई है। बहरहाल, राजनीतिक पंडित कह रहे हैं कि एक बार जनता के मन में किसी के प्रति शंका पैदा हो गया तो उसे दूर होने में काफी समय लगता है।

 

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