बिलासपुर/ ट्रांसफार्मर में धधकती आग… बिना किसी सुरक्षा उपकरण के खंभे में चढ़ा हुआ कर्मचारी… बोरे से आग को बुझाने की कोशिश… आग पर धूल फेंकते हुए नीचे से दो कर्मचारी… और तमाशा देखते लोग… यह नजारा था मंगलवार दोपहर करीब 3 बजे कलेक्टोरेट से 200 मीटर दूर जिला कोर्ट के सामने और पीडब्ल्यूडी कार्यालय के पास का। वो तो शुक्र है ट्रांसफार्मर फूटा नहीं… अगर फूट जाता तो बड़े हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता।
मंगलवार को कलेक्टोरेट से मुंगेली नाका जाने वाली सड़क पर खूब चहल-पहल थी। सैकड़ों लोग आना-जाना कर रहे थे। दोपहर करीब 3 बजे पीडब्ल्यूडी क्रमांक 2 के कार्यालय के पास स्थित ट्रांसफार्मर में अचानक आग लग गई। सूचना मिलते ही बिजली विभाग के वाहन में सवार होकर तीन कर्मचारी पहुंचे। उनके पास किसी तरह के सुरक्षा उपकरण नहीं थे। आनन-फानन में वाहन से तीनों कर्मचारी उतरे। एक कर्मचारी बोरा लेकर खंभे पर चढ़ गया और दो कर्मचारी ट्रांसफार्मर के नीचे पहुंच गए। जान की परवाह किए बगैर खंभे में चढ़ा कर्मचारी बोरे से आग को बुझाने की कोशिश कर रहा था। नीचे मौजूद कर्मचारी आग में धूल फेंक रहे थे। यह नजारा देख आने-जाने वाले राहगीरों के पैर ठिठक गए और खड़े होकर लोग तमाशा देखते रहे। इस दौरान कुछ लोग पानी डालकर आग बुझाने की सलाह तक देते रहे।
हादसा होता तो कौन रहता जिम्मेदार
बिजली विभाग के कर्मचारियों को लाइन सुधारते समय भी सुरक्षा के सारे उपकरण पहनकर खंभे में चढ़ने हिदायत है। आग बुझाने के लिए तो और सावधानी की जरूरत पड़ती है, लेकिन ट्रांसफार्मर में लगी आग को बुझाते समय ऐसी लापरवाही बरती गई। अगर ट्रांसफार्मर ब्लास्ट हो जाता और कोई अनहोनी हो जाती तो इसका जिम्मेदार कौन था।