सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में व्यवस्था दी है कि अपशब्द बोलकर किसी को अपमानित करना, उसे आत्महत्या के लिए उकसाने का अपराध नहीं हो सकता. कोर्ट ने यह व्यवस्था देते हुए एक व्यक्ति को आत्महत्या के लिए उकसाने में दी गई तीन वर्ष की सजा को समाप्त कर उसे मुक्त कर दिया. कोर्ट ने इस मामले में मृतक के सुसाइड नोट को भी खारिज कर दिया.
न्यायमूर्ति आर. भानुमति और इंदिरा बनर्जी की पीठ के समक्ष पेश मामले में अर्जुन ने राजगोपाल को 80,000 रुपये कर्ज दिए थे. लेकिन जब वह कर्ज नहीं चुका पाया तो अर्जुन ने उसकी बेइज्जती की. इस कारण राजगोपाल ने आत्महत्या कर ली थी. ट्रायल कोर्ट ने अभियुक्त को तीन साल कारावास की सजा दी थी.