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छत्तीसगढ़

विशेष लेख : कृषि ऋण माफी और धान का मूल्य बढ़ाने का  वादा केवल दो घंटे के भीतर हुआ पूरा

अगले खरीफ मौसम में भी किसानों को मिलेगा
धान का 2500 हजार रूपए का मूल्य 

किसानों में उत्साह और उर्जा का संचार

 

रायपुर/ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने किसानों से कृषि ऋण माफ करने और धान का मूल्य दस दिनों के भीतर बढ़ाने का जो वादा किया था, उसे पूरा करने के लिए मात्र दो घंटे का समय लिया। शपथ ग्रहण के बाद केबिनेट की बैठक कर किसानों को लाभान्वित करने के लिए ये तत्काल दो निर्णय लिए गए। इसके तहत राज्य के 16 लाख 65 हजार किसानों का 6 हजार 230 करोड़ रूपए अल्पकालीन कृषि ऋण माफ किया गया और धान का मूल्य बढ़ाकर 2500 रूपए प्रति क्विंटल किया गया। इन निर्णयों के लाभ मिलने से राज्य के किसानांे में व्यापक रूप से उत्साह और उर्जा का संचार हुआ और वे सरकार को भरपूर आशीर्वाद दे रहे हैं।

 उल्लेखनीय है कि सांसद राहुल गांधी के मुख्य आतिथ्य में अटल नगर के राज्योत्सव स्थल में पिछले माह 28 जनवरी को ऋण माफी प्रमाण पत्र वितरण का कार्यक्रम किया गया। कार्यक्रम में प्रतीक स्वरूप 18 किसानों को ऋण माफी प्रमाण पत्र और 10 किसानों को धान का मूल्य 2500 रूपए प्रति क्विंटल की दर से भुगतान करने का प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। 

 नई सरकार द्वारा ग्रामीण बैंक और सहकारी बैंकों से बांटे गए ऋण के अलावा सार्वजनिक क्षेत्र के व्यवसायिक बैंकों द्वारा बांटे गए लगभग चार हजार करोड़ रूपए का अल्पकालीन ऋण को भी माफ करने का निर्णय लिया है। इससे किसानों को कर्ज के कुचक्र से मुक्ति दिलाने में मदद मिली है। इससे राज्य के लगभग बीस लाख किसानों को 10 हजार करोड़ रूपए की ऋण माफी का लाभ मिल रहा है। इसमें लगभग चार लाख ऐसे ऋणी किसान भी लाभान्वित होंगे, जो बकाया धन चुकता ना कर पाने के कारण बैंकों से ऋण नहीं ले पा रहे थे और निजी साहूकार एवं सूदखोरों से कर्ज लेने के लिए विवश थे। इससे अब राज्य के लाखो ऐसे किसान जो शून्य प्रतिशत ब्याज ऋण योजना से लाभ नहीं ले पा रहे थे वे फिर से ग्रामीण अथवा सहकारी बैंकों से ऋण प्राप्त करने में सक्षम बने है। 

 छत्तीसगढ़ देश का पहला ऐसा राज्य है, जो किसानों से 2500 रूपए प्रति क्विंटल की दर से धान की खरीदी कर रहा है। प्रदेश में 30 नवम्बर 2018 पर बकाया अल्पकालीन कृषि ऋण माफी के निर्णय का क्रियान्वयन दस दिनों के भीतर पूरा कर लिया गया है। एक नवम्बर 2018 से लिकिंग के माध्यम से राज्य की 1276 सहकारी समितियों की तीन लाख 57 हजार किसानों से वसूल की गयी 1283 करोड़ अल्पकालीन कृषि ऋण राशि उनके बचत खातों में वापस की गई। 

 राज्य शासन ने यह भी घोषणा की है कि खरीफ 2019 में भी किसानों से धान की खरीदी 2500 रूपए प्रति क्विंटल की दर से की जाएगी। इसके लिए पांच हजार करोड़ रूपए का बजट में प्रावधान भी कर दिया गया है। इससे प्रदेश के करीब 17 लाख से अधिक किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। 
    
पिछले खरीफ वर्ष के प्रारम्भ में किसानों कोे मोटे धान के लिए 2050 रूपए और पतला धान के लिए 2070 रूपए प्रति क्विंटल का भुगतान किया जा रहा था। नई सरकार द्वारा किसानों को धान का मूल्य 2500 रूपए प्रति क्विंटल देने के फैसले से किसानों में खेती-किसानी के प्रति और अधिक उत्साह एवं उर्जा बढा है तथा उनकी क्रय शक्ति भी बढी है, इससे ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलने से छत्तीसगढ़ की सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था को भी बल मिला है

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