मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं के हित में एक एतिहासिक फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि, आईपीसी की धारा 498 के तहत अब महिला जहां रह रही हो, वहीं से दहेज प्रताड़ना का केस लगा सकती है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की बेंच ने दहेज प्रताड़ना से पीड़ित महिला को बड़ी राहत दी है। बता दें कि अभी तक सेक्शन 177 के तहत यह प्रावधान था कि जहां अपराध हुआ है, उसके ज्यूरिडिक्शन में आने वाले कोर्ट में ही केस लगाया जा सकता है।
इस मामले में सुनाया फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला 2014 के एक मामले में सुनाया है। इसमें सवाल उठाया गया था कि क्या दहेज प्रताड़ना का केस जहां अपराध हुआ है, वहां से अलग दूसरे क्षेत्र में रजिस्टर्ड और इन्वेस्टिगेट करवाया जा सकता है। यह केस रुपाली देवी नामक महिला ने लगाया था, जो अपने माता-पिता के घर में रहते हुए दहेज प्रताड़ना का केस लड़ना चाहती थीं। इन्होंने केस कोर्ट में लगाया था लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा इसे खारिज कर दिया गया था।
केस लड़ना हो जाएगा सस्ता और आसान
हाईकोर्ट एडवोकेट संजय मेहरा ने बताया कि कोर्ट के इस निर्णय के बाद दहेज प्रताड़ना झेल रही महिलाओं को सस्ता और जल्दी न्याय मिल सकेगा। ज्यूरिडिक्शन का नियम होने के चलते अभी तक समय तो काफी खराब होता ही था साथ ही आने-जाने में पैसा भी बहुत बर्बाद होता था।