प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हेलीकॉप्टर की सम्बलपुर में कथित रूप से जांच करने वाले कर्नाटक काडर के आईएएस अफसर मोहम्मद मोहसिन को चुनाव आयोग ने 16 अप्रैल को निलंबित कर दिया था। हालांकि उन्हें फिलहाल कर्नाटक भेजा गया है। लेकिन अब इस मामले में उन्होंने अपनी चुप्पी तोडी है। उन्होंने कहा कि किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया है और वह अपने ऊपर लगे आरोपों से अनभिज्ञ थे।
मोहम्मद मोहसिन ने कहा कि मैंने सख्ती से नियमों और चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों की भावना के तहत काम किया। मैंने किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया। मैंने इस मामले में कोई गलत काम नहीं किया। इस कारण से ही मैंने उनसे अपने खिलाफ रिपोर्ट की एक प्रति मांगी थी। लेकिन उन्होंने अभी तक इसे नहीं दिया। मैं अंधेरें में इस मामले को लड़ रहा हूं।
इसके अलावा मोहसिन ने दावा किया है क जब यह कथित घटना हुई थी। उस समय वह वहां मौजूद नहीं थे। उन्होंने बताया कि जब घटना घटी मैं वहां मौजूद नहीं था। मुझे नहीं पता कि हेलीपैड पर क्या हुआ। मैंने केवल मीडिया रिपोर्ट्स पढी है। जिनकी न तो मैं पुष्टि करता हूं और न ही खारिज।
मोहसिन घटना वाले दिन की घटनाक्रम की बात बताते हुए कहते है कि उन्होंने हेलिपैड का दौरा किया था। जहां पीएम का हेलिकॉप्टर पार्क था। पर्यवेक्षक का काम यह देखना है कि वीडियो टीमों का उचित तरीके से उपयोग हो। मैंने सलाह दी और वहां से चला गया।
उन्होंने कहा कि मैं कार्यक्रम स्थल पर पहुंचा और वहां मौजूद पुलिस कंट्रोल रुम में पांच मिनट बैठा। इसके बाद जिलाधिकारी मुझसे मिले। जिलाधिकारी के दफ्तर में बैठे हुए मुझे उप मुख्य चुनाव आयुक्त का फोन आया और उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या मैंने तलाशी का आदेश दिया है जिसे मैंने इस पर मना कर दिया। उन्होंने मुझसे रिपोर्ट मांगी और मैंने जवाब दिया। इसके बाद अचानक से रात के साढ़े ग्यारह बजे उन्होंने मुझे निलंबित कर दिया।