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बिलासपुरराजनीति

बिलासपुर: मरवाही को मुख्यधारा में लाने आदिवासी नेता व पूर्व न्यायाधीश प्रमोद परस्ते निगम मंडल आयोग के हो सकते है प्रमुख दावेदार…

बिलासपुर/पेण्ड्रा/मरवाही: कुछ पंचवर्षीय के चुनाव में मरवाही विधानसभा क्षेत्र की विडम्बना ये रही कि यहाँ का विधायक किसी अन्य दल का और सरकार किसी अन्य दल की रही है। मरवाही की बात करें तो स्थिति लगातार आकाल झेलते क्षेत्र जैसे हो गई है। प्रदेश में इस बार जनता का ऐसा आशीर्वाद कांग्रेस को मिला कि 90 में से 68 सीटें कांग्रेस को मिली किंतु वहीं मरवाही विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के उम्मीदवार अपना जमानत तक नहीं बचा सके और तीसरे स्थान पर रहे। कांग्रेस की ऐसी दुर्दशा इससे पहले कभी नहीं रही। आज सरकार का नुमाइंदागी करने वाला कोई नहीं रह गया। ऐसी विषम परिस्थितियों में राज्य सरकार द्वारा आयोग, निगम व मंडल में पदों की नियुक्तियों की चर्चा बंजर हो चुके क्षेत्र में बारिश की आहट का काम कर रहा है।

राष्ट्रीय महासचिव व प्रदेश प्रभारी पी. एल. पुनिया ने गत दिनों स्पष्ट किया कि इस बार उपरोक्त पदों पर नियुक्ति विधायक या विधायक प्रत्याशी और न ही बड़े नेताओं को नहीं दी जाएगी बल्कि क्षेत्र में कांग्रेस को मजबूत करने के लिए संघर्षरत कार्यकर्ताओं को पद से नवाजा जाएगा। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के क्षेत्र मरवाही में मृत प्रायः कांग्रेस में जान फूंकने वाले पूर्व न्यायाधीश प्रमोद परस्ते इस पद के स्वाभाविक दावेदार माने जा रहे हैं ।

विधानसभा चुनाव के पूर्व लगातार पदयात्रा और जनसंपर्क कर कांग्रेस के पक्ष में माहौल तैयार किये थे । विधानसभा टिकट की रेस में भी सबसे आगे थे किंतु दुर्भाग्य से उन्हें टिकट नहीं मिला। लोग दबी जुबान से ये कहते भी है कि यदि प्रमोद परस्ते उम्मीदवार होते तो स्थिति कुछ और होती। लोकसभा चुनाव में सभी नेताओं को अपना बूथ जिताने की जवाबदारी दी गयी थी, जहाँ सभी बड़े नेताओं ने अपना बूथ हारा वहीँ इन्होंने अपने बूथ में सकारात्मक परिणाम देकर अपना लोहा मनवाया है।

प्रमोद परस्ते आदिवासी नेता हैं और इनका क्षेत्र में अच्छी पकड़ है, विशेषकर युवाओं में ज्यादा लोकप्रिय हैं। इनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि भी कांग्रेस परिवार की रही है। आपकी माता जी उर्मिला परस्ते कृषि उपज मंडी पेण्ड्रा और सहकारिता सोसायटी पेण्ड्रा की निर्वाचित अध्यक्ष रही है। पूर्व न्यायाधीश रहे हैं इसलिए इन्हें अनुसूचित जाति जनजाति आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किये जाने से सरकार को उनकी योग्यता का लाभ मिलेगा साथ ही मरवाही क्षेत्र को नेतृत्व प्राप्त होगा। मरवाही की जनता का मानना है कि कांग्रेस को मरवाही विधानसभा क्षेत्र में पूनः आधिपत्य एवं आदिवासी समाज मे अपना वर्चस्व स्थापित करना है तो प्रदेश सरकार के द्वारा उभरते हुए आदिवासी लीडरशिप को अवसर जरूर देना चाहिए।

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