भारत में इस साल गर्मी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। दुनिया के 15 सबसे गर्म शहरों में भारत के 10 शहर शामिल हुए हैं। मानसून 15 दिन देरी से शुरू होने के कारण है, देश के 91 बड़े जलाशयों में पानी 20% जितना रह गया है। चेन्नई में पीने के पानी की भारी कमी है। होटलों को पानी के उपयोग को कम करने की सलाह दी जा रही है। कोयम्बटूर में गर्मी के कारण तालाब में मछलियां मर रही हैं।
संख्याकिय और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, देश में औसत तापमान 1901 से 2018 तक 2.06 डिग्री सेल्सियस बढ़ा है। 1901 में, देश का औसत तापमान 24.23 डिग्री सेल्सियस था, जो 2018 में बढ़कर 26.29 डिग्री सेल्सियस था। लगातार वनों की कटाई, नदियों से रेत खनन, भवन निर्माण और प्रदूषण ने वातावरण को गर्म कर दिया है।
जल प्रबंधन में रैंकिंग के अनुसार राज्य
गुजरात – 76%
मध्य प्रदेश – 69%
आंध्र प्रदेश – 68%
त्रिपुरा – 59%
कर्नाटक – 56%
महाराष्ट्र – 55%
हिमाचल प्रदेश – 53%
पंजाब – 53%
तमिलनाडु – 51%
तेलंगाना – 50%
सिक्किम – 49%
छत्तीसगढ़ – 49%
राजस्थान – 48%
गोवा – 44%
केरल – 42%
ओडिशा – 42%
बिहार – 38%
यूपी – 38%
हरियाणा – 38%
झारखंड – 35%
असम – 31%
नागालैंड – 28%
उत्तराखंड – 26%
मेघालय – 26%
नीति आयोग ने हाल ही में जारी समग्र जल सूचकांक में चेतावनी दी है कि गर्मी बढ़ने के कारण भूजल प्रभावित हुआ है और यह लगातार गिर रहा है। यदि यही स्थिति रही, तो आने वाले वर्षों में, दिल्ली, बैंगलोर और हैदराबाद सहित भारत के लगभग 21 प्रमुख शहर में पानी लगभग समाप्त हो जाएंगे। नीति आयोग ने इन शहरों में तुरंत कार्रवाई करने की सलाह दी है।