वर्ल्ड कप फ़ाइनल से पहले इंग्लैंड को कौन सा डर सता रहा है?
लंदन के ऐतिहासिक लॉर्डस मैदान पर दुनिया रविवार को एक नया चैंपियन देखेगी. यह न्यूज़ीलैंड और इंग्लैंड दोनों में से कोई भी हो सकता है. ये दोनों टीमें आईसीसी वर्ल्ड कप 2019 के फ़ाइनल में ख़िताब के लिए आपस में भिड़ेंगी.
जहां न्यूज़ीलैंड चार साल बाद एक बार फिर फ़ाइनल की दहलीज़ को पार कर वर्ल्ड कप अपने नाम करना चाहेगा वहीं इंग्लैंड फ़ाइनल में 27 साल बाद पहुंचा है और 44 सालों के वर्ल्ड कप के इतिहास में यह उसकी चौथी कोशिश होगी कि वर्ल्ड कप अपने नाम करे.
और यही वो डर का कारण भी है कि कहीं एक बार फिर यह कोशिश नाकाम न हो जाये. क्योंकि फ़ाइनल में तो इससे पहले वो तीन बार पहुंच चुका है लेकिन ख़िताब जीतने में हर बार उसे नाकामी ही मिली है.
रविवार को फ़ाइनल का यह मुक़ाबला क्रिकेट का मक्का कहे जाने लॉर्ड्स के मैदान पर होना है. 1979 में माइक ब्रेयरली के नेतृत्व में इसी मैदान पर इंग्लैंड पहली बार फ़ाइनल में हारा था.
तब इंग्लैंड की टीम ने ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और पाकिस्तान को लीग मैचों में और न्यूज़ीलैंड को सेमीफ़ाइनल में हराकर फ़ाइनल में कदम रखा था लेकिन वहां वेस्ट इंडीज़ ने उसे 92 रनों से हराकर लगातार दूसरी बार वर्ल्ड कप उठाने वाली पहली टीम बनी थी.