पहले से भंग चल रहे मेडिकल शिक्षा नियामक मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया का स्थान लेने वाले नए नेशनल मेडिकल कमीशन विधेयक-2019 को केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को अपनी मंजूरी दे दी। नए कानून में डॉक्टरों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए एग्जिट टेस्ट का प्रावधान किया जा रहा है। एमबीबीएस कोर्स पूरा करने के बाद अंतिम वर्ष में एक कॉमन परीक्षा नेशनल एक्जिट टेस्ट ( NEXT ) का प्रावधान किया गया है। यह परीक्षा पास करने के बाद ही डॉक्टरों को मेडिकल प्रैक्टिस करने के लिए लाइसेंस मिलेगा। दूसरे, नेक्स्ट परीक्षा के अंक के आधार पर ही पीजी में प्रवेश मिलेगा। इसके अलावा, विदेशों से एमबीबीएस करने वाले छात्रों को भी एफएमजीई के स्थान पर यही परीक्षा देनी होगी।
MBBS के बाद डिग्री के लिए टेस्ट पास करना होगा अनिवार्य, NEET PG की जगह लेगा NEXT एग्जाम
पहले से भंग चल रहे मेडिकल शिक्षा नियामक मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया का स्थान लेने वाले नए नेशनल मेडिकल कमीशन विधेयक-2019 को केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को अपनी मंजूरी दे दी। नए कानून में डॉक्टरों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए एग्जिट टेस्ट का प्रावधान
NEET PG का काम करेगा NEXT
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि केंद्रीय कैबिनेट ने नेशनल मेडिकल कमीशन विधेयक- 2019 को अपनी मंजूरी दे दी है। इसमें एमबीबीएस के चौथे वर्ष में राष्ट्रीय स्तर पर एक कॉमन एक्जाम का प्रावधान किया गया है। इसका नाम नेशनल एक्जिट टेस्ट होगा। यह एक्जाम नीट-पीजी ( NEET PG ) का भी काम करेगा। इसके अंकों के आधार पर पीजी में प्रवेश मिलेगा। इसके अलावा, विदेशों से एमबीबीएस करके आने वाले छात्रों को भी स्क्रीनिंग के लिए यही परीक्षा देनी होगी। इसमें एम्स समेत सभी राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों को भी नीट और कॉमन काउंसलिंग के दायरे में लाने का प्रस्ताव रखा गया है।
विधेयक में सरकार को निजी एवं डीम्ड मेडिकल कॉलेजों की 50 फीसदी सीटों पर शुल्क निर्धारण का अधिकार दिया गया है। प्रस्तावित कमीशन में चार स्वायत्त बोर्ड अंडर-ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन बोर्ड, पोस्ट-ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन बोर्ड, मेडिकल असेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड और एथिक्स एंड मेडिकल रजिस्ट्रेशन बोर्ड होंगे। मालूम हो, मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में तैयार इस विधेयक में एमबीबीएस कोर्स पूरा होने के बाद एक एक्जिट एक्जाम का प्रावधान था। हालांकि, संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट एक्जिट एक्जाम के स्थान पर चौथे वर्ष में राज्य स्तरीय परीक्षा कराने का सुझाव दिया था।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा- केंद्रीय कैबिनेट ने एमसीआई के स्थान पर एनएमसी को अपनी मंजूरी दे दी है। मैं मेडिकल शिक्षा में महत्वपूर्ण सुधार की शुरुआत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करता हूं।