रायपुर। भयमुक्त वातावरण में प्रश्न पूछने का अधिकार ही असल लोकतंत्र है। प्रश्न पूछना भारतीय परंपरा का हिस्सा है। वेदों में, उपनिषदों में भारतीय मनीषा में प्रश्न पूछने की परंपरा है। लोकतंत्र भी प्रश्न पूछने से मजबूत होता है। जिन प्रश्नों को उठाने से संविधान मजबूत होता है उसे भयमुक्त होकर जरूर पूछा जाना चाहिए। इस आशय के विचार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज दुर्ग जिले के भिलाई में स्वर्गीय देवीप्रसाद चौबे की स्मृति में आयोजित वसुंधरा सम्मान कार्यक्रम में व्यक्त किए।
https://twitter.com/36Taza/status/1161468207473057792?s=19
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में उन्नीसवें वसुंधरा सम्मान से वरिष्ठ पत्रकार तुषार कांति बोस को सम्मानित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जब सवाल पूछना अपराध होता है तो लोकतंत्र की जड़ें खोखली होने लगती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बोस ने सीमित संसाधनों के साथ अपनी कलम को जीवंत रखा, जो प्रशंसनीय उपलब्धि है। दुर्ग विधायक अरूण वोरा ने भी स्वर्गीय देवीप्रसाद चौबे के साथ अनुभवों को साझा किया। इस अवसर पर कृषि मंत्री रवींद्र चौबे एवं अन्य जनप्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
कार्यक्रम में वरिष्ठ संपादक अंशुमान तिवारी ने भी अभिव्यक्ति की आजादी के मायने विषय पर अपना संबोधन दिया। वरिष्ठ पत्रकार रमेश नैयर ने कहा कि छत्तीसगढ़ में निर्भीक पत्रकारिता की परंपरा रही है। छत्तीसगढ़ पत्रकारिता की संस्कार भूमि है। उन्होंने स्वर्गीय देवीप्रसाद चौबे के साथ अपने अनुभव भी साझा किए।