रायपुर। राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी कार्यक्रम के तहत नरवा वाटरशेड की विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (DPR) बनाया जाएगा। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव आर.पी. मण्डल ने डीपीआर बनाने के लिए प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को परिपत्र जारी कर दिया गया है। इसके अनुसार प्रत्येक विकासखण्ड के दस-दस नरवा का डीपीआर दस दिनों के भीतर तैयार किया जाना है।
जारी परिपत्र के अनुसार नरवा का डीपीआर बनाते समय सभी तकनीकी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए नरवा का चयन किया जाएगा। जिस नाले में कृषि के लिए ग्रामीण निर्भर हैं, लेकिन बरसात के बाद उसमें पानी सूख जाता है, ऐसे नालों का चयन किया जा सकता है, लेकिन यह सुनिश्चित किया जाए कि वाटरशेड की संरचना के निर्माण के बाद उसमें साल भर पानी रहने की अधिकतम संभावना हो और उससे किसानों को अपेक्षित लाभ मिल सके। परिपत्र में कहा कि नरवा वाटरशेड का डीपीआर बनाते समय सभी तकनीकी पहलुओं के साथ ही नरवा के चयन का आधार, चुनौतियां, बेस लाईन सर्वे, अपेक्षित लाभ, जनसहभागिता, टीम वर्क प्लान, मितव्ययता आदि का ध्यान रखा जाए।