प्रदेश के अलग-अलग इलाके की सड़कों पर भास्कर की दर्जनभर टीमों का सर्वे
खेत व पगडंडियां बने नेशनल हाईवे, कई ग्रामीण सड़कों का नामोनिशान तक मिटा
रायपुर . इस साल प्रदेश के अधिकांश हिस्से में हुई अच्छी बारिश ने यहां सड़कों के निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल और लापरवाही का पर्दाफाश कर दिया है। दैनिक भास्कर की अलग-अलग टीमों ने राज्य के अधिकांश प्रमुख शहरों और कस्बों को जोड़ने वाली सड़कों के सर्वे में पाया कि बरसाती पानी की वजह से अंबिकापुर, सुकमा-कोंटा, रायपुर-बिलासपुर और कांकेर-केशकाल समेत कई नेशनल हाईवे पगडंडियों से संकरे हो गए हैं और इतने गड्ढे हैं कि हादसे होने लगे हैं। ग्रामीण सड़कों में बारिश के जख्म इतने गहरे हैं कि लोग इनसे उतरकर कच्चे रास्ते से चल रहे हैं। सड़कों की बर्बादी के अांकड़े सरकारी तौर पर भी खराब हैं। भास्कर की पड़ताल के मुताबिक पीडब्ल्यूडी अफसरों का ही अनुमान है कि राज्य में 19 हजार किमी सड़कें हैं, जिनमें इस बार बारिश में 2250 किलोमीटर हिस्सा पूरी तरह या अांशिक रूप से उखड़ गया है। हालात इतने खराब हैं कि इनकी मरम्मत में 200 करोड़ रुपए के खर्च का अनुमान है और पीडब्ल्यूडी ने 100 करोड़ रुपए का बजट मंजूर भी कर दिया है।
राज्य में कुल 19 हजार किलोमीटर सड़कों में नेशनल हाईवे 3 हजार किलोमीटर, 45 सौ किमी स्टेट हाईवे और 11500 किमी एमडीआर की सड़कें हैं। बारिश अभी खत्म नहीं हुई लेकिन हालात बता रहे हैं कि नेशनल हाईवे औैर स्टेट हाईवे के साथ-साथ एमडीआर सड़कों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। पीडब्ल्यूडी ने वर्ष 2019-20 में सड़कें बनाने के लिए 2 हजार करोड़ रुपए का बजट रखा है, लेकिन अब टूटी सड़कों की मरम्मत पहली प्राथमिकता है। इसीलिए अानन-फानन में 100 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं तथा मरम्मत दशहरे के तुरंत बाद शुरू होने वाली है।
भिलाई-दुर्ग से रिपोर्ट
2 किमी में 2 हजार गड्ढे : सूर्या मॉल चौक जुनवानी से अवंती बाई चौक तक करीब दो किमी सड़क पर 2 हजार से ज्यादा गड्ढे हैं। अल्टीस हॉस्पिटल के सामने से गुजरी करीब 400 मीटर लंबी सड़क पर 1 हजार से ज्यादा गड्ढे हो चुके हैं।
ऐसे गड्ढे कि रोज हादसे : विद्युत वितरण कंपनी कार्यालय, जामुल के सामने करीब 200 मीटर तक की सड़क पर 100 से ज्यादा बड़े-बड़े गड्ढे हो चुके हैं। यहां बारिश के दौरान पानी भरा रहता है। कई हादसों में लोगों को गंभीर चोटें भी आ चुकी हैं।
बिलासपुर से रिपोर्ट
एक साल में 60 गड्ढे : बिलासपुर-रायपुर हाईवे एनएच 130 साल भर पहले बनी है। बारिश होते ही कई जगहों पर कंक्रीट की सड़क फट गई है। गांधी चौक से जगमल ब्लॉक तक 1165 मीटर सड़क सालभर पहले चुनाव के दौरान ढाई करोड़ रुपए में बनी। अब 60 से ज्यादा गड्ढे हैं। वहीं गड्ढों की वजह से अाधा दर्जन की हड्डियां टूट चुकी हैं।
कोर्ट का अादेश नहीं माना : रिंग रोड नंबर -2 गौरव पथ बनाने पर 2013 में 12 करोड़ रुपए खर्च किए गए। हाईकोर्ट ने शासन को दोषी इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए। चार साल बाद भी किसी इंजीनियर पर कार्रवाई नहीं हुई।