संयुक्त राष्ट्र रिफ्युजी एजेंसी ने तातेह को दी स्कॉलरशिप, जिसके अध्ययन के लिए रिफ्यूजी कैंप पहुंचे
तातेह का दावा, रेत भरी प्लास्टिक की बोतलें पानी और आंधी से बचाने में कारगर
लाइफस्टाइल – अल्जेरिया के तातेह लहबीब प्लास्टिक की बोतलों से घर बना रहे हैं। अल्जेरिया के ही रिफ्यूजी कैंप में जन्मे तातेह का कहना है कि जब मैं यहां रहता था तो तेज गर्मी, बारिश और तूफान का सामना करना पड़ता था। कई बार तेज आंधी के कारण छत तक उड़ जाती थी। इसलिए मैं यहां कुछ ऐसा करना चाहता हूं जो यहां रह रहे लोगों को राहत पहुंचाए। इसलिए बोतलों को ईट की तरह इस्तेमाल किया और छत के लिए जिंक शीट लगाई। तातेह अब कई रिफ्युजियों के लिए घर बनाने का काम कर रहे हैं।
सफेद रंगरोगन पराबैंगनी किरणों से बचाएगा
- तातेह को हाल ही में रिन्यूवेबल एनर्जी पर अध्ययन करने के लिए संयुक्त राष्ट्र रिफ्युजी एजेंसी की ओर स्कॉलरशिप दी गई है। अध्ययन करने के लिए उन्होंने उसी जगह को चुना है जहां उनका जन्म हुआ था। तातेल का जन्म अल्जेरिया के सहरावी रिफ्यूजी कैंप में हुआ था जब हजारों लोगों को पश्चिमी सहारा में विवाद के कारण शरण लेनी पड़ी थी।
- तातेह के मुताबिक, ये खास तरह के घर हैं ये काफी हद तक मौसम के प्रकोप को झेलने में सक्षम हैं। प्लास्टिक की बोतले पानी यानी बारिश को बेअसर कर सकती हैं वहीं बोतलों की डिजाइन रेत के तूफानों से काफी हद तक लड़ने में सक्षम हैं। घर बनाने से पहले बोतलों में रेत भरी जाती है। फिर इन्हें एक पर एक रखते हुए सीमेंट और लाइमस्टोन से जोड़ते हैं।
- छत को बनाने में जिंक शीट का इस्तेमाल किया जाता है जो इसे घर को बांधे रखती है और तेज आंधी आने पर उड़ती नहीं है। घर तैयार होने पर सफेद रंग से पुताई की जाती है जो 90 फीसदी तक पराबैंगनी किरणों का प्रभाव कम करता है। संयुक्त राष्ट्र रिफ्युजी एजेंसी ने इसका एक वीडियो भी शेयर किया है और एजेंसी का कहना है तातेज कोई आम इंजीनियर नहीं हैं।
- वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। यूजर इसे बेहतरीन इनोवेशन बता रहे हैं। लोगों का कहना है कि प्लास्टिक को ऐसे उपयोग करने में लोगों को घर मिल रहे हैं, मौसम से सुरक्षा हो रही है और पर्यावरण को बचाया जा सकता है।