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छत्तीसगढ़ / ट्रेन और रेलवे स्टेशन में चोरी होने पर छह माह में 55 जवानों का वेतन कटा

रेलवे के अधिकारी बोले- यह सजा नहीं, जवानों को चुस्त-दुरुस्त रखने की कवायद

कार्रवाई उन्हीं जवानों पर जिन्होंने लापरवाही बरती, या अपनी गलती खुद स्वीकारी 

बिलासपुर. ट्रेनों में स्कार्टिंग करने वाले जवानों से जरा सी चूक हुई और उनका वेतन कटा। चेन स्नेचिंग, पर्स या बैग चोरी या फिर अन्य तरह की कोई वारदात। सबके लिए अलग-अलग तरह की सजा का प्रावधान किया गया है। 6 महीने में 55 जवानों के वेतन कट चुके हैं। किसी का एक तो किसी का पांच दिन का वेतन कटा। ये कवायद है जवानों को गश्त के दौरान चुस्त, दुरुस्त और चौकन्ना रखने की। किसी को कोई गिला शिकवा भी नहीं है। फायदा यह कि चौकसी बढ़ गई है।

जिन जवानों का वेतन काटा जाता, उन्हें अपील करने की सुविधा भी, 55 में से अभी दो ने ही की अपील

  1. प्लेटफार्म पर या ट्रेन स्कार्टिंग पर जिनकी ड्यूटी है वे चौकन्ने रहें इसलिए डीएससी ने लापरवाहियों पर वेतन काटने का प्रावधान किया है। अप्रैल महीने में बिलासपुर डिवीजन में ज्वाइन करने के तीन दिन बाद ही चोरी के एक मामले में उन्होंने दो जवानों का वेतन काटने का आदेश जारी किया था। ये कार्रवाई ऐसे मामलों में हुई जहां लापरवाही बरती गई थी और स्वयं जवानों ने उसे स्वीकार किया था कि गलती उनसे हुई है। जवानों को पूरे मामले में बचाव का अंतिम क्षण तक मौका दिया जा रहा है। इतना ही नहीं कार्रवाई के खिलाफ अपील का प्रावधान भी रखा गया है।
  2. 55 मामलों में दो ही जवानों ने कार्रवाई के विरोध में अपील की। मामला काफी दिलचस्प है। बिलासपुर से कटनी और बिलासपुर से झारसुगड़ा सेक्शन में बिलासपुर डिवीजन से आरपीएफ के जवान रात में ट्रेनों में स्कार्टिंग करते हैं। इन दोनों रूट में अनूपपुर से कटनी तक का सेक्शन काफी संवेदनशील है। इस क्षेत्र में ट्रेनों में लूट, चोरी की घटनाएं ज्यादा होती हैं। ट्रेनों में चोरी हो जाने के बाद जवानों के खिलाफ कार्रवाई का कानून है लेकिन वेतन काटने जैसा कोई कानून नहीं है। लेकिन ऐसा करके डीएससी ऋषि शुक्ला जवानों को चुस्त दुरुस्त रखने की कोशिश कर रहे हैं।
  3. तीन तरह से कट रहा वेतन
    ट्रेन में स्कार्टिंग के दौरान अगर किसी महिला की चेन स्नेचिंग हो गई तो ट्रेन की स्कार्टिंग पार्टी के जवानों का पांच दिन का वेतन कटेगा। चोरी हुई तो तीन दिन और विवाद या छोटी चोरी, पॉकेटमारी होने पर एक दिन का वेतन काटा जा रहा है।
  4. स्टाफ को चौकन्ना रखने की कवायद

    वेतन काट कर हम किसी जवान को हतोत्साहित नहीं कर रहे हैं। हम तो उन्हें उनके काम के प्रति चौकन्ना रखने को कोशिश कर रहे हैं ताकि उन्हें छोटे नहीं बड़े अवार्ड मिल सके। हमारे स्टाफ में कोई कमी नहीं है, लेकिन उन्हें हर समय चुस्त दुरुस्त रहना होगा। वेतन काटने से पहले उन्हें अपनी बात रखने का पूरा मौका दिया जाता है। आखिर तक उनके सभी जवाब सुने जाते हैं। उनके चौकन्ना रहने से ट्रेनों में सफर कर रहे यात्री भी स्वयं को सुरक्षित महसूस करेंगे। उनमें सामान के चोरी होने का भय नहीं रहेगा।

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