कोरबा। कलेक्टर किरण कौशल दीपका तथा गेवरा कोयला खदानों के पुनर्वास गांव नेहरूनगर पहुंची और प्रभावितों की समस्याएं सुनी। बड़ी संख्या में एकत्रित हुए ग्रामीणों ने कलेक्टर को एक-एक कर अपनी समस्याएं बताईं। जूनाडीह के रमेश सिंह कंवर ने कोयला खदान में फर्जी तरीके से दो व्यक्तियों के नौकरी पाने की शिकायत कलेक्टर से की। कलेक्टर ने इस पर मौजूद एसईसीएल के अधिकारियों से जानकारी ली। संतोषजनक उत्तर नहीं देने पर कलेक्टर ने पूरे मामले की जांच करने अनुविभागीय राजस्व अधिकारी कटघोरा को कहा। उन्होंने यह भी कहा कि जांच में फर्जी तरीके से नौकरी पाने का आरोप सिद्ध हो जाने पर संबंधितों के विरुद्ध पुलिस थाने में एफआइआर भी दर्ज कराई जाए।
कलेक्टर कौशल के नेहरूनगर प्रवास के दौरान ग्रामीणों ने उनसे आवंटित भूमि पर बड़े-बड़े साल के पेड़ होने के कारण घर बनाने में आ रही कठिनाइयों की शिकायत की। एसईसीएल के जिम्मेदार अधिकारियों की मौजूदगी में ग्रामीणों ने कलेक्टर को बताया कि गेवरा खदान के विस्तार पर उन्हें नेहरूनगर में पुनर्वास योजना के तहत बसाने की प्रक्रिया की जा रही है। एसईसीएल ने जिस जगह पर उन्हें बसाने के लिए भूमि आवंटित की है, उस पर बड़े-बड़े साल के पेड़ खड़े हैं। उन पेड़ों के कारण अधिकांश ग्रामीण अपना घर नहीं बना पा रहे हैं। बड़े-बड़े पेड़ों को आवंटित भूमि से हटाने या काटने की कार्रवाई भी एसईसीएल नहीं कर रही है। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि इस बात की जानकारी एसईसीएल प्रबंधन के ध्यान में लाने पर प्रबंधन स्वयं ही पेड़ काटकर घर बनाने की सलाह दे रही है।
महिला वारिसान के प्रकरण अब तक लंबित
नेहरूनगर पुनर्वास ग्राम में निवास करने वाली किस्मत बाई, कमलाबाई सहित कई लोगों ने भूमि अधिग्रहण के बदले एसईसीएल की दीपका और गेवरा खदान में नौकरी के प्रकरण लंबे समय से लंबित रहने और एसईसीएल के अधिकारियों की ओर से कोई समाधानकारक जवाब नहीं देने की शिकायत कलेक्टर से की। कलेक्टर ने इस विषय पर एसईसीएल के अधिकारियों के प्रति गहरी नाराजगी प्रकट की। उन्होंने ऐसे सभी प्रकरणों की जांच कर पात्र प्रभावितों को उनका हक समय पर देने एसईसीएल प्रबंधन को कहा। कलेक्टर ने यह भी कहा कि खदानों के लिए ली गई जमीनों के बदले शासन की पुनर्वास नीति के सभी प्रावधानों का पालन करते हुए प्रभावितों को सभी उचित सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए।
मुक्तिधाम व सड़क, नाली का हो निर्माण
ग्रामीणों ने कलेक्टर से गांव में तालाब गहरीकरण, तालाब पर घाट निर्माण के साथ-साथ मुक्तिधाम निर्माण, श्मशान घाट के लिए भूमि आवंटन, सड़क एवं नाली निर्माण कराने की मांग की। एसईसीएल के मौजूद अधिकारियों ने ग्रामीणों को बताया कि तालाब गहरीकरण, पचरी निर्माण, स्वागत द्वार निर्माण, मुक्तिधाम में शेड निर्माण, निकासी नालियां बनाने सहित सड़क निर्माण के लिए निविदाएं आमंत्रित कर ली गई हैं। निविदाएं खुलते ही अगले महीने के दूसरे सप्ताह तक कार्य एजेंसियां निर्धारित कर नेहरूनगर में विकास कार्य शुरू कर दिए जाएंगे। गेवरा क्षेत्र के महाप्रबंधक सिविल ने जानकारी दी कि कुछ कार्यों को बरसात के बाद 15 दिनों के भीतर पूरा कर लिया जाएगा, जबकि तालाब गहरीकरण जैसे काम दिसंबर माह के आखिरी सप्ताह तक पूरे हो जाएंगे।
पेड़ नहीं काट पा रहे इसलिए नहीं बन सका घर
ग्रामीणों ने कलेक्टर को बताया कि पेड़ काटने की अनुमति प्राप्त करने में वे असमर्थ हैं और अब उन्हें आवंटित भूमि पर घर बनाने में भी भारी मुश्किल हो रही है। कलेक्टर ने इस मामले पर तत्काल संज्ञान लेते हुए एसईसीएल के अधिकारियों को राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर स्थल निरीक्षण कर काटने योग्य पेड़ों का पूरा प्रस्ताव तैयार करने कहा। उन्होंने नेहरूनगर के विकास के लिए एसईसीएल की प्रस्तुत कार्य योजना के क्रियान्वयन की हर 15 दिन में समीक्षा करने अनुविभागीय राजस्व अधिकारी को कहा।