डोंगरगढ़. शारदीय नवरात्रि पर मां बम्लेश्वरी के ऊपर मंदिर की यह तस्वीर तीन किमी दूर बूढ़ादेव पहाड़ी से ली गई है। मंदिर के सजावट की रोशनी पूरे मांई की नगरी में बिखर रही है। शहर का ज्यादातर हिस्सा पटरी के दूरी दिशा में है। करीब एक हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित मां बम्लेश्वरी के दरबार तक पहुंचने एक हजार से अधिक सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं।
- शारदीय नवरात्रि पर मां बम्लेश्वरी के ऊपर मंदिर की यह तस्वीर तीन किमी दूर बूढ़ादेव पहाड़ी से ली गई है। मंदिर के सजावट की रोशनी पूरे मांई की नगरी में बिखर रही है6401 ज्याेति कलश जलाए गए
- यहां 6401 मनोकामना ज्योति कलश स्थापित किए गए हैं।
- जिले, राज्य के अलावा देश-विदेश के भक्तों ने ज्योत जलाई है।
एक माह बाद मिलेगी हाईटेक रोपवे की सुविधा : मां बम्लेश्वरी के दर्शन के लिए अत्याधुनिक रोपवे का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। एक माह बाद इसकी सौगात मिलेगी। एक घण्टे में 500 दर्शनार्थी ऊपर पहुंचेंगे। यानि केवल 3 मिनट 22 सेकेंड में यात्री 1300 मीटर का सफर करेंगे। छग का पहला तीर्थ स्थल जहाँ एक ही पहाड़ी में 2 रोप वे की सुविधा होगी। प्रदेश में सिर्फ डोंगरगढ़ में ही रोप वे की सुविधा है।