सीमित शराबबंदी की दिशा में जल्द फैसला संभव, ये है वजह
रायपुर। कांग्रेस नगरीय निकाय चुनाव की तैयारी में पूरी तरह से जुट गई है। इस चुनाव से पहले संभव है कि कांग्रेस सरकार राज्य की कुछ शराब दुकानें बंद करें। ऐसी संभावना इसलिए जताई जा रही है कि भाजपा शराबबंदी को चुनावी मुद्दा न बना सके। कांग्रेस का मत है कि जनता के सामने चुनावी वादों को पूरी करने के लिए शराबबंदी करने की दिशा में कुछ कदम उठाने की जरुरत है।
जानकारी के मुताबिक सरकार राज्य के सभी जिलों से ऐसे शराब दुकानों को हटा सकती है, जहां शराब दुकानों को हटाने के लिए आंदोलन किया जा चुका है। राज्य शासन ऐसी शराब दुकानों को हटा सकती है जहां पहले से ही कई प्रकार के विवाद आ रहे हों।
वही कुछ शराब दुकान बंद होने के मामले पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि जो प्रक्रिया है उसके तहत ही कार्रवाई होगी। बता दें कि राज्य में अभी देशी और विदेशी की 400 से ज्यादा दुकानें संचालित हैं। इन दुकानों से रोजाना सरकार को करोड़ों की आमदानी होती है। दरअसल कांग्रेस चुनावी घोषणा पत्र में शराबबंदी का वादा किया था, जिसे लागू कराने के लिए भाजपा आए दिन सराकर पर दवाब बनाती है। वही शराबबंदी के लिए सरकार ने समिति गठित कर दी है।