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छत्तीसगढ़ज़िला प्रशासन

बिलासपुर: नामांतरण के प्रकरणों को समयावधि में निपटाएं…बी.एल. बंजारे: संभाग स्तरीय राजस्व अधिकारियों की समीक्षा बैठक में संभागायुक्त ने दिया निर्देश…

बिलासपुर। संभागायुक्त बी.एल. बंजारे द्वारा आज संभाग स्तरीय राजस्व अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली गई। बैठक में उन्होंने निर्देशित किया कि नामांतरण के लंबित प्रकरणों को निर्धारित समयावधि में निपटाएं। इस संबंध में संभाग के सभी कलेक्टरों को समुचित कार्यवाही सुनिश्चित करने कहा है। उन्होंने दो वर्ष से ज्यादा के लंबित प्रकरणों को प्राथमिकता से निराकृत करने और एक वर्ष तथा उससे ज्यादा के प्रकरणों को 31 मार्च 2020 तक निराकृत करने का निर्देश दिया है।

मंथन सभाकक्ष में आयोजित बैठक में संयुक्त सचिव राजस्व एम.डी.दीवान, बिलासपुर कलेक्टर डाॅ.संजय अलंग, कोरबा कलेक्टर किरण कौशल, मुंगेली कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे, जांजगीर कलेक्टर जनक प्रसाद पाठक विशेष रूप से उपस्थित थे। बैठक में संभागायुक्त ने अविवादित नामांतरण के प्रकरणों की समीक्षा की। संभाग में दर्ज 6152 प्रकरणों में 5575 प्रकरण निराकृत कर लिया गया है। अविवादित खाता विभाजन के प्रकरणों में मुंगेली जिले में ज्यादा प्रकरण लंबित है। जिनका निराकरण करने के निर्देश दिये। साथ ही सभी जिले में 31 मार्च तक प्रकरण निपटाने के निर्देश दिये। विवादित खाता विभाजन के प्रकरण रायगढ़ व कोरबा जिले में ज्यादा संख्या में लंबित हैं। संभागायुक्त ने इन प्रकरणों का कोर्ट में जल्दी सुनवाई कर मार्च माह तक निराकृत करने कहा। सीमांकन के समय सीमा के भीतर लंबित प्रकरणों पर विशेष ध्यान देकर 31 मार्च तक निराकृत करने कहा गया। डायवर्सन के प्रकरणों की समीक्षा की गई। संयुक्त सचिव दीवान ने कहा कि इन प्रकरणों को जल्दी निराकरण करने से शासन को राजस्व मिलेगा और जनता को भी फायदा मिलेगा।

भू-अर्जन तथा मुआवजा वितरण की समीक्षा की गई। संभाग में 1546 प्रकरणों में 1945 अवार्ड पारित किये गये, जिसकी कुल राशि 14903031451 रूपये है। मुआवजा के रूप में 13268157358 रूपये वितरित किये गये। संभागायुक्त ने आरआरसी वसूल पर असंतोष जताया। संभाग में 3530.42 लाख रूपये की वसूली शेष है। संभागायुक्त ने विभिन्न करों एवं भू-राजस्व वसूली में तेजी लाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार के करों का बकाया नहीं रहना चाहिये। डायवर्सन भू-भाटक की वसूली भी मार्च 2020 तक करने का लक्ष्य सभी जिलों के लिये रखा गया।

संभागायुक्त ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देशित किया कि पंजीयन कार्यालय से भूमि अंतरण की आॅनलाईन सूचना प्राप्त होते ही नामांतरण हेतु हित अर्जन करने वाले व्यक्ति से आवेदन का इंतजार नहीं करते हुए नामांतरण की कार्यवाही तत्काल प्रारंभ किया जाये। ई-कोर्ट व्यवस्था के क्रियान्वयन की समीक्षा की गई। खसरा, भू-नक्शा एवं खातों की समीक्षा करते हुए संभागायुक्त ने कहा कि खसरों एवं नक्शों में अंतर बहुत ज्यादा है, इनका उचित रूप से माॅनिटरिंग करें।

अधीनस्थ कार्यालयों का सतत् निरीक्षण करने का दिया निर्देश

बैठक में संभागायुक्त ने सभी राजस्व अधिकारियों को उनके अधीनस्थ कार्यालयों का सतत् निरीक्षण अनिवार्य रूप से करने का निर्देश दिया। जितना ज्यादा निरीक्षण होगा, उतना ही अच्छा परिणाम भी प्राप्त होगा। अधीनस्थ कार्यालयों में रोस्टर बनाकर इसका पालन कराने हेतु सभी कलेक्टरों को निर्देश दिये गये। मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना की समीक्षा की गई और शासन के नये गाईड लाईन के अनुसार हाट बाजार क्लीनिक संचालित करने के निर्देश दिये।

परिवर्तित भूमि एवं पट्टे पर आबंटित भूमि से संबंधित वार्षिक भू-भाटक की वसूली, खनन क्षेत्र से संबंधित पर्यावरण एवं अधोसंरचना एवं विकास उपकर की वसूली की समीक्षा की गयी। नजूल नवीनीकरण एवं नजूल भूमि के नामांतरण, नक्शा अद्यतनीकरण, नजूल पट्टों का नवीनीकरण, निजी, खातेदार, सह खातेदार एवं आधार प्रविष्टि, डिजीटल हस्ताक्षरितकृत खसरे, शिकायत एवं अन्य आवेदनों का निराकरण, मसाहती, असर्वेक्षित ग्रामों का सर्वेक्षण, नगरीय क्षेत्रों में आबादी एवं नजूल पट्टों का भूमि स्वामी हक में परिवर्तन, 7500 वर्गफीट तक के भूमि बंटन एवं अतिक्रमित भूमि का व्यवस्थापन तथा नगरीय क्षेत्र के भूमिहीन व्यक्तियों को वितरित पट्टों की समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये।

बैठक में उपायुक्त फरिहा आलम सिद्दिकी, जिला पंचायत बिलासपुर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रितेश कुमार अग्रवाल सहित सभी जिलों के अपर कलेक्टर, संयुक्त कलेक्टर एवं अन्य राजस्व अधिकारी उपस्थित थे।

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