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बिलासपुर: सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कुलपति अंजलि गुप्ता के कार्यप्रणाली से देश में यूनिवर्सिटी की छवि हो रही खराब…अटल: विजय ने लगया विवि में भष्टाचार होने का आरोप…

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री अटल श्रीवास्तव ने प्रेस वार्ता में बताया कि सेंट्रल यूनिवर्सिटी की कुलपति अंजिला गुप्ता की कार्यप्रणाली के कारण देश में गुस्र्घासी दास केंद्रीय विश्वविद्यालय की छवि खराब हो रही है। हम विवि को किसी भी हालत में कुलपति या किसी अन्य लोगों का चारागाह नहीं बनने देंगे। पीसीसी महामंत्री ने कुलपति पर आरोप लगाते हुए कहा कि विवि को आरएसएस का चारागाह नहीं बनने देंगे । विवि में भ्रष्टाचार चरम पर है। छात्रों की आवाज को दबाया जा रहा है। रोस्टर की धज्जियां उड़ाई जा रही है। आरक्षण नियमों को ताक पर रखा गया है। चंद लोगों के इशारे पर बाबा गुरूघासीदास के सिद्धान्तों को धूमिल किया जा रहा है।

सोमवार को कांग्रेस भवन में पीसीसी महामंत्री अटल श्रीवास्तव,जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय केशरवानी व यूथ कांग्रेस के उपाध्यक्ष महेंद्र गंगोत्री ने संयुक्त रूप से चर्चा की। कांग्रेसी नेताओं ने कुलपति के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा कि बर्खास्तगी की मांग को लेकर मंगलवार से विवि प्रशासनिक भवन के सामने धरना आंदोलन की शुस्र्आत की जा रही है। आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक कुलपति को बर्खास्त नहीं कर दिया जाता। कांग्रेस दिल्ली में भी अपनी आवाज बुलंद करेगी। कांग्रेसी नेताओं ने कुलपति पर विवि में नियुक्ति और निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है। रोस्टर के नियमों को दरकिनार कर अपनों को उपकृत करने का काम कर रही है। कांग्रेसी नेताओं ने कहा कि सेंट्रल यूनिवर्सिटी के एक कुलपति प्रोफेसर लक्ष्मण चतुर्वेदी हुआ करते थे। उन्होंने अपना संपर्क नंबर सार्वजनिक कर दिया था। वे हमेशा उपलब्ध रहते थे। वर्तमान कुलपति को छात्रों की परेशानियों से कोई लेना देना नहीं है। हमने कभी केंद्रीय विश्वविालय हासिल करने के लिए आंदोलन किया था।

कांग्रेस अध्यक्ष (ग्रामीण) केशरवानी ने लगाया भ्रस्टाचार का आरोप

जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय केशरवानी ने दस्तावेजी प्रमाण पेश करते हुए कहा कि हमारे पास पुख्ता सबूत है कि निर्माण कार्य और नियुक्तियों में भारी भ्रष्टाचार किया गया है। इतिहास,वाणिज्य विभाग में ऐसे लोगों को नियुक्त किया गया है जिनके पास एसोसिएट प्रोफेसर की योग्यता भी नहीं है। चहेते को प्राइवेट कॉलेज से लाकर प्रोफेसर बना दिया गया है। नियुक्तियों में भारी मात्रा में लेन देन हुई है। हमारे इस बात के पुख्ता प्रमाण हैं। कुलपति ने अर्थशास्त्र विभाग में रातों रात ऐसे व्यक्ति को सहायक प्राध्यापक बना दिया है जिसकी कोई कल्पना नहीं कर सकता है। जबकि इससे कई गुना योग्य लोगों को दरकिनार किया है।

रोस्टर में गड़बड़ी चहेतों को दी नौकरी

जिलाध्यक्ष विजय केशरवानी और पीसीसी महामंत्री अटल श्रीवास्तव ने कहा कि चहेतों को नियुक्त करने के लिए विश्वविद्यालय का रोस्टर तीन बार बदला गया। जबकि रोस्टर नहीं बदला जाता है। इसी तरह फर्नीचर और कंप्यूटर खरीदी में भी जमकर घोटाला हुआ है। मनचाहे व्यक्तियों से मनमाफिक दर पर खरीदी की गई है।

निर्माण कार्यो में हुआ घोटाला

जिलाध्यक्ष विजय ने कुलपति पर निर्माण कायों में भारी गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कहा कि निर्माण कार्य के लिए पहले 75 करोड़ का टेंडर निकाला। 15 करोड़ का काम कराने के बाद बंद कर दिया। फिर उसी आधे अधूरे काम के लिए 100 करोड़ का टेंडर निकाला । 50 करोड़ का काम कराने के बाद फिर बंद कर दिया । और अब उसी काम के लिए एक बार फिर 150 करोड़ स्र्पये का टेंडर जारी किया गया है।

यूजीसी मापदंडों की खुलेआम उड़ाई जा रही धज्जियां

जिलाध्यक्ष केशरवानी ने कहा कि विज्ञान संकाय में आयोग्य लोगों को प्राध्यापक बना दिया है। जिनकी नियुक्त की गई है वे यूजीसी के मापदंड को पूरा नहीं करते ।

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