बिलासपुर। जिला पंचायत अध्यक्ष के प्रतिष्ठापूर्ण चुनाव में भाजपा को मुंह की खानी पड़ी। कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार अरुण सिंह चौहान ने भाजपा उम्मीदवार नूरी दिलेन्द्र कौशिल को एकतरफा 14 वोटों से हराया। अध्यक्ष चुनाव में हार के अंतर को देखते हुए भाजपा ने उपाध्यक्ष चुनाव में उम्मीदवार ही नहीं उतारा। अलबत्ता, कांग्रेस की उम्मीदवार हेमकुंवर अजीत श्याम निर्विरोध उपाध्यक्ष निर्वाचित हो गईं।
शुक्रवार दोपहर को जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव होना था। इसलिए गुरुवार से चुनावी सरगर्मी तेज हो गई थी। एक हफ्ते पहले से कांग्रेस की ओर से जिला पंचायत सदस्य अरुण सिंह चौहान का नाम लगभग फाइनल माना जा रहा था, लेकिन अधिकृत घोषणा नहीं हुई थी। इसलिए कांग्रेस की ओर से अध्यक्ष पद के लिए कई दावेदार सामने आ रहे थे। इसके लिए अपने नेताओं से लॉबिंग भी की जा रही थी। मेयर बंगले में शुक्रवार सुबह अरुण सिंह चौहान का नाम फाइनल हुआ। इसके बाद कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी अरुण सिंह अन्य सदस्यों और कांग्रेस नेताओं के साथ नामांकन फार्म भरने जिला पंचायत पहुंचे। यहां उन्होंने नामांकन फार्म खरीदा और निर्वाचन अधिकारी के पास जमा किया। उनके प्रस्तावक जिला पंचायत सदस्य राजेश्वर भार्गव और समर्थक आनंद मरावी बने। कांग्रेस समर्थित सदस्य अधिक जीत कर आने से यह तो तय था कि अध्यक्ष का चुनाव अरुण सिंह ही जीतेंगे, लेकिन मेयर चुनाव में प्रत्याशी नहीं उतारने के कारण जिस तरह से भाजपा की फजीहत हुई थी, उससे सबक लेते हुए भाजपा ने नूरी दिलेश कौशिल को अपना उम्मीदवार बनाया। तय समय मतदान हुआ। मतगणना के बाद अरुण सिंह को 17 और नूरी कौशिल को 4 वोट मिले। इस तरह से अरुण सिंह अध्यक्ष का चुनाव 13 वोटों के अंतर से जीत गए। अध्यक्ष चुनाव में मिली करारी हार को देखते हुए भाजपा ने उपाध्यक्ष चुनाव में उम्मीदवार ही नहीं उतारा। अलबत्ता, भाजपा समर्थित प्रत्याशी और पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष समीरा पैकरा को भारी अंतर से हराने वाली हेमकुंवर अजीत श्याम को इनाम स्वरूप उपाध्यक्ष उम्मीदवार बनाया गया और वे निर्विरोध निर्वाचित हो गईं।
1 वोट रिजेक्ट, एक क्रास
भाजपा समर्थित 6 उम्मीदवार चुनाव जीतकर जिला पंचायत पहुंचे हैं। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियों को अंदेशा नहीं था कि कोई सदस्य क्रास वोटिंग करेगा, लेकिन भाजपा की ओर से एक सदस्य ने वोट क्रास कर दिया। भाजपा समर्थित जिला पंचायत एक सदस्य का वोट रिजेक्ट हो गया।
जिला पंचायत सदस्य जितेंद्र पांडेय हुए नाराज
आईजी ऑफिस के सामने स्थित मेयर रामशरण यादव के बंगले में शुक्रवार सुबह अध्यक्ष उम्मीदवार के चयन को लेकर रायशुमारी रखी गई, जिसमें पूर्व सांसद करुणा शुक्ला के अलावा जिलेभर के कांग्रेसी नेता शामिल हुए। रायशुमारी का नेतृत्व कांग्रेस के जिला ग्रामीण अध्यक्ष विजय केशरवानी ने की। इस दौरान पूर्व सांसद करुणा शुक्ला ने सभी को बताया कि संगठन और सीएम का आदेश है कि कांग्रेस की ओर से अरुण सिंह चौहान को उम्मीदवार बनाया जाए। इतना सुनते ही कुछ पल के लिए जिला पंचायत सदस्य जितेंद्र पांडेय नाराज हुए और उपेक्षा करने का आरोप लगाने लगे, लेकिन उनकी दाल नहीं गली।
दोनों विधायकों को पूछा तक नहीं
मेयर रामशरण यादव के बंगले में रायशुमारी के लिए दिन और समय पहले से ही तय था। अलबत्ता, जिलेभर के कांग्रेसी नेताओं को इसकी सूचना दे दी गई थी। रायशुमारी से जिले के दोनों विधायकों शैलेश पांडेय और रश्मि सिंह को दूर रखा गया। उन्हें रायशुमारी में क्यों नहीं बुलाया गया, इसकी वजह अब तक साफ नहीं हुई है।