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बिलासपुर: बबला पेट्रोल पंप और शैला नर्सिंग होम संचालक का दुस्साहस देखिए…बेशकीमती सरकारी जमीन पर कब्जा कर खड़ा किया संस्थान…राज्य शासन ने कलेक्टर से मांगी जांच रिपोर्ट…

बिलासपुर। चांटीडीह की बेशकीमती सरकारी जमीन पर पेट्रोल पंप और नर्सिंग होम खोलने का बड़ा मामला सामने आया है। पेट्रोल पंप और नर्सिंग होम बनाने के लिए जिस जमीन के दस्तावेज पेश किए गए हैं, वह सीपत रोड से 200 मीटर दूर स्थित है, जबकि पेट्रोल पंप मुख्य सड़क से लगा हुआ है और नर्सिंग होम पेट्रोल पंप के पीछे है। इस काले कारनामे में राजस्व अधिकारी-कर्मचारियों के भी हाथ रंगे हुए हैं।

छत्तीसगढ़ शासन के जन शिकायत निवारण विभाग को 22 जनवरी 2019 को एक शिकायत की गई थी, जिसके सारे दस्तावेज शिकायतकर्ता ने ताज़ाख़बर36गढ़.कॉम को उपलब्ध कराई है। उपलब्ध दस्तावेज के अनुसार गजानंद उर्फ राजू मौर्य पिता चंद्रशेखर मौर्य के नाम पर 2004 में चांटीडीह में दो खसरे में दो नंबरी जमीन थी, जिसमें से एक खसरे में 40 डिसमिल और दूसरे खसरे में 18.38 डिसमिल जमीन थी। ये जमीन सीपत रोड से 200 मीटर अंदर थी। आज भी सरकारी रिकार्ड में सीपत रोड से 200 मीटर तक जमीन शासकीय है।

उपलब्ध दस्तावेज की मानें तो गजानंद ने 40 डिसमिल में से 31 डिसमिल जमीन पेट्रोल पंप स्थापित करने के लिए निशा मिश्रा को लीज पर दे दी है। इसके लिए उनके बीच लिखा-पढ़ी भी हुई है और दस्तावेज ऑयल कंपनी को भी दिए गए हैं। हैरत की बात यह है कि सीपत रोड से 200 मीटर अंदर की जमीन चलते-चलते सीपत रोड तक आ गई और यहां बबला पेट्रोल पंप स्थापित कर दिया गया।

शिकायतकर्ता द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेज के अनुसार गजानंद ने दूसरे खसरे की 18.38 जमीन को डॉ. शैला मिल्टन फिलिप पति डॉ. फिलिप एन. जॉर्ज को 13 फरवरी 2008 को बेचा था। उस समय जमीन की बिक्री कीमत 12 लाख दो हजार 4 सौ रुपए और बाजार मूल्य 14 लाख तीन हजार रुपए थी। यह जमीन भी सीपत रोड से 200 मीटर के बाद गजानंद के एक खसरे की जमीन के बाद थी। डॉ. शैला मिल्टन ने राजस्व अधिकारियों से मिलीभगत कर खरीदी गई जमीन को सीपत रोड से कुछ मीटर दूर सरकारी जमीन पर बैठवाया और उस जमीन पर अब शैल नर्सिंग होम खोल दिया गया है।

शासन ने कलेक्टर से मांगी रिपोर्ट

जन शिकायत निवारण विभाग ने ऑनलाइन की गई शिकायत की कापी बिलासपुर कलेक्टर को 6 फरवरी 2019 को भेजी है और जांच कराकर रिपोर्ट मांगी है। कलेक्टर ने 1 मार्च 2019 को बिलासपुर एसडीएम को यह शिकायत फारवर्ड की है। एसडीएम ने 10 जून 2019 को इसकी कापी तहसीलदार को भेजी है। तहसीलदार ने ऑनलाइन की गई शिकायत की जांच के लिए प्रकरण ब 121 मद में पंजीबद्ध कर लिया है।

नोट: पेट्रोल पंप और नर्सिंग होम के खिलाफ 2017 में भी कलेक्टर से हुई थी शिकायत… कलेक्टर ने टीएल में लिया था प्रकरण… एसडीएम को दिया था जांच का आदेश… तहसीलदार और नायब तहसीलदार ने की जांच… जांच में क्या मिला… किस-किस राजस्व अधिकारी-कर्मचारियों ने कैसे दिया फर्जीवाड़ा को अंजाम… यह जानने के लिए पढ़ते रहिए…www.tazakhabar36garh.com

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