पिछले पांच कारोबारी दिन में सोना (हाजिर भाव) जहां 1907 रुपये प्रति 10 ग्राम महंगा हुआ है तो वहीं चांदी ने 7540 रुपये प्रति किलोग्राम की लंबी छलांग लगाई है। सोमवार 20 जुलाई को देशभर के सर्राफा बाजारों में 24 कैरेट सोना 49217 रुपये पर बंद हुआ था। जबकि शुक्रवार 24 जुलाई को समाप्त कारोबारी सप्ताह के आखिरी दिन शुक्रवार को सोने का हाजिर भाव 51124 रुपये पर बंद हुआ। अगर चांदी की बात करें तो इस हफ्ते चांदी हाजिर 7540 रुपये प्रति किलो ग्राम उछल कर 52188 रुपये से 59967 रुपये प्रति किलो पर जां पहुंची।
अगर जुलाई महीने की बात करें तो यह महीना सोना-चांदी की चमक खुदरा खरीददार न होने के बावजूद बढ़ी है। केंद्रीय बैंक, फंड मैनेजर्स, स्वतंत्र निवेशकों ने पूरी दुनिया में अलग-अलग एक्सचेंज पर सोने की जबरदस्त खरीददारी कर रहे हैं, जिससे सोने के भाव अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी रिकॉर्ड उंचाई पर पहुंच गया है। न्यूयार्क में शुक्रवार को सोना 1,897 डॉलर प्रति औंस पर बोला गया जबकि चांदी का भाव मामूली तेजी के साथ 22.70 डॉलर प्रति औंस रहा। इसका असर भारत में भी देखने को मिल रहा है।
पिछले पांच दिनों में और निखरा सोने-चांदी का रंग
तारीख सोने का रेट (रुपये/10 ग्राम) चांदी का रेट
(रुपये/ किलो ग्राम)
24जुलाई 2020 51,124 59,885
23 जुलाई 2020 50,703 60,785
22 जुलाई 2020 50181 59170
21 जुलाई 2020 49440 54850
20 जुलाई 2020 49,217 52,345
इस महीने अब तक 10230 रुपये उछली चांदी
पिछले एक से 24 जुलाई तक सोने की हाजिर कीमतों में 2238 रुपये प्रति 10 ग्राम का इजाफा हो चुका है। सर्राफा बाजारों में एक जुलाई को 24 कैरेट सोने का भाव 48886 रुपये था, जबकि 24 जुलाई को यह 51124 रुपये पर बंद हुआ। वहीं चांदी जबरदस्त छलांग लगाते हुई 59967 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई, जबकि एक जुलाई को यह 49655 रुपये पर थी। इस दौरान इसके रेट में 10230 रुपये का उछाल आया।
70 हजार के पार पहुंच सकती है सोने की कीमत
गोल्डमैन सैच की रिपोर्ट के मुताबिक सोने की कीमत दो साल में 70 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच सकती है। जबकि इस साल के अंत तक 55 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम पहुंचने की उम्मीद है। विशेषज्ञों का कहना है कि सोने की कीमत में डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत का भी असर होगा। बता दें पिछले 6 महीने में सोना 24 फीसदी से अधिक रिटर्न दे चुका है, जबकि एक साल की बात करें तो यह बढ़ोतरी 25 फीसद से भी अधिक हो जाती है। वहीं अगर गोल्ड बांड की बात करें तो एक साल में गोल्ड बांड 40 फीसद तक कर रिटर्न दे चुके हैं।