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बड़ी ख़बर: सरकार जमीन खरीदकर नहीं लगाएगी पेड़, पौधारोपण कर जंगलों को किया जाएगा ज्यादा घना…

केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसले के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने में काटे गए पेड़ों के एवज में दोगुने पेड़ लगाने के लिए दूसरी जगह जमीन (गैर वन भूमि) नहीं खरीदने का फैसला किया है। इसके स्थान पर अब वन क्षेत्र में कम घने जंगलों में पौधारोपण कर उन्हें अधिक घना करेगी। इससे सरकार को जमीन खरीदने के झंझट से छुटकारा मिलेगा व पैसे की बचत होगी।

वहीं, राजमार्ग परियोजना की लागत में भारी कमी आएगी। पर्यावरण मंजूरी के अभाव में सड़क निर्माण का काम वर्षो तक नहीं अटेगा। सड़क परिहवन व राजमार्ग मंत्रालय ने गत 30 जून को सभी राज्यों के मुख्य सचिवों, पीडब्ल्यूडी के प्रमुख सचिवों, एनएचएआई, बीआरओ, पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियरों आदि को निर्देश भेज दिया है।

इसमें उल्लेख है कि राज्यों में वन विभाग के नियमों के मुताबिक सड़क बनाने के लिए काटे गए पेड़ों को लगाने के लिए सरकार गैर वन भूमि खरीदती हैं। जहां दोगुनी संख्या में पौधा रोपड़ किया जाता है। इसमें कई बार दूसरी जगह जमीन खरीदने में समय लग जाता है और वन एवं पर्यावरण मंजूरी के अभाव में सड़क निर्माण का काम वर्षो तक अटक जाता है। इसलिए सरकार ने अब जहां कम घना जंगह है अथवा नाममात्र के पेड़ हैं ऐसे वन क्षेत्र भूमि पर ही पौधारोपण का फैसला किया है। सरकार अब पैधारोपण के लिए गैर वन भूमि की खरीद फरोख्त नहीं करेगी।

एनएचएआई के पूर्व चेयरमैन बृजेश्वर सिंह ने कहा कि यह बहुत अच्छा फैसला है। सबसे अधिक सड़क परियोजनाएं पर्यावरण मंजूरी के अभाव में पूरी हीं हो पाती हैं। इससे हर साल परियोजना की लागत 25 से 30 फीसदी बढ़ जाती है। जमीन नहीं खरीदने के लिए सरकार को मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी और नाहक पैसे खर्च नहीं होंगे। सड़क परियोजनाएं समय पर पूरी हो पांएगी। इससे पहाड़ी क्षेत्रों में सड़क निर्माण कार्य तेज गति पकड़ेगा।

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