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राजनीतिक बवाल के बीच फेसबुक ने दी सफाई, कहा- पारदर्शी और गैर-पक्षपातपूर्ण, संसद की स्थाई समित के सामने तलब…

फेसबुक की निष्पक्षता को लेकर भारत में उठ रहे सवाल और इसको लेकर जारी राजनीतिक बवाल और कार्रवाई की मांग के बीच सोशल मीडिया की...

फेसबुक की निष्पक्षता को लेकर भारत में उठ रहे सवाल और इसको लेकर जारी राजनीतिक बवाल और कार्रवाई की मांग के बीच सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी फेसबुक ने शुक्रवार को इस पर अपनी सफाई दी है। फेसबुक ने कहा कि यह खुला, पारदर्शी और गैर-पक्षपातूर्ण मंच है। यह टिप्पणी ऐसे समय आयी है, जब फेसबुक के ऊपर आरोप लग रहा है कि वह सत्ता में बैठी पार्टी के नेताओं के नफरत भरे पोस्ट नहीं हटाती है और उनके ऊपर विवादित सामग्रियों को हटाने की अपनी नीति पर ठीक से अमल में नहीं करता है।

फेसबुक इंडिया के वाइस प्रसिडेंट और मैनेजिंग डायरेक्टर अजीत मोहन ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा, ”फेसबुक हमेशा से एक खुला, पारदर्शी और गैर-पक्षपातपूर्ण मंच रहा है, जहां लोग खुद को स्वतंत्र रूप से अभिव्यक्त कर सकते हैं। पिछले कुछ दिनों में, हमारे ऊपर पूर्वाग्रह का आरोप लगाया गया है कि हम अपनी नीतियों को पक्षपातपूर्ण तरीके से लागू करते हैं। हम पूर्वाग्रह के आरोपों को गंभीरता से लेते हैं और यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि हम किसी भी रूप में घृणा व कट्टरता की निंदा करते हैं।”

फेसबुक ने कहा- हमारा किसी पार्टी से नहीं संबंध

फेसबुक पर आरोप यह लगा हैं कि उसने सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के कुछ नेताओं की पोस्ट पर हेट स्पीच नियम को लागू नहीं किया। हाल ही में वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट में यह आरोप लगा था कि फेसबुक की कंटेंट पॉलिसीज का भारत में बिना भेदभाव के पालन नहीं हो रहा है और बीजेपी पर नरमी बरती जा रही है।

http://tazakhabar36garh.com/congress/on-the-facebook-controversy-rahul-gandhi-again-targeted-the-modi-government-said-will-not-allow-messing-with-democracy/

भारत में पूर्वाग्रह को लेकर अपने वैश्विक कर्मचारियों के विरोध के बीच फेसबुक ने अपने कर्मचारियों का भी सार्वजनिक रूप से बचाव किया। उन्होंने यह भी कहा कि फेसबुक के पास सामग्रियों को लेकर एक निष्पक्ष दृष्टिकोण है और वह अपने सामुदायिक मानकों पर दृढ़ता से अमल करती है। उन्होंने कहा, “हम किसी की राजनीतिक स्थिति, पार्टी संबद्धता या धार्मिक और सांस्कृतिक विश्वास की परवाह किये बिना विश्व स्तर पर इन नीतियों को लागू करते हैं। हमने भारत में सार्वजनिक हस्तियों द्वारा पोस्ट की गयी उन सामग्रियों को हटाया है, जो हमारे सामुदायिक मानकों का उल्लंघन करती हैं। हम आगे भी ऐसा करना जारी रखेंगे।

2 सितंबर को संसद की स्थाई समित के सामने फेसबुक तलब

गौरतलब है कि बीजेपी के कुछ नेताओं के नफरत वाले कथित बयानों को नजरअंदाज करने के आरोपों का सामना कर रहे सोशल मीडिया मंच फेसबुक को सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी संसद की स्थायी समिति ने उसके मंच के कथित दुरुपयोग के मुद्दे पर चर्चा के लिए आगामी 2 सितंबर को तलब किया है। इससे एक दिन पहले यह समिति इंटरनेट बंद करने संबंधी मुद्दों पर भी चर्चा करेगी।

फेसबुक के अलावा सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी संसदीय समिति ने इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के प्रतिनिधियों को भी 2 सितंबर को प्रस्तावित इस बैठक में उपस्थित रहने को कहा गया है। बैठक में नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा और ऑनलाइन सोशल मीडिया मंचों के दुरुपयोग पर रोक लगाने संबंधी विषय पर चर्चा की जाएगी जिसमें डिजीटल दुनिया में महिलाओं की सुरक्षा पर विशेष बल रहेगा।

बैठक की यह अधिसूचना ठीक उस दिन आई जब सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी संसदीय समिति के प्रमुख शशि थरूर के खिलाफ बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर उन्हें समिति के अध्यक्ष पद से हटाने की मांग की। बिरला को लिखे पत्र में नियमों का हवाला देते हुए दुबे ने उनसे आग्रह किया है कि वे थरूर के स्थान पर किसी दूसरे सदस्य को समिति का अध्यक्ष नियुक्त करें।

बीजेपी सांसद का आरोप है कि जब से थरूर इस समिति के अध्यक्ष बने हैं तब से वह इसके कामकाज को गैरपेशेवर तरीके से आगे बढ़ा रहे हैं और अफवाह फैलाने का अपना राजनीतिक कार्यक्रम चला रहे हैं और मेरी पार्टी को बदनाम कर रहे हैं।

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