कोरोना वायरस वैक्सीन को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। दुनियाभर में कोरोना वायरस फैलाने वाले चीन ने एक महीने पहले ही अपने लोगों को वैक्सीन दे दी थी। चीन के नेशनल हेल्थ कमिशन के साइंस एंट टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट सेंटर के डायरेक्टर झेंग जोंगवी ने शनिवार को खुलासा किया था कि वह 22 जुलाई से ही अपने लोगों को वैक्सीन की डोज दे रहा है।
उन्होंने चीन के सरकारी टीवी चैनल को इंटरव्यू में ये बात बताई। हालांकि, आयोग ने यह नहीं बताया कि चीन में क्लिनिकल ट्रायल के अंतिम फेज में पहुंची चार वैक्सीन में से किसे लोगों को दिया गया है। इतना ही नहीं, आयोग ने यह भी दावा किया कि लोगों पर इस वैक्सीन का कोई कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ा है।
झेंग ने सीसीटीवी-2 के कार्यक्रम ‘डायलॉग’ में बताया कि इस वैक्सीन को कोरोना के खिलाफ काम कर रहे अंग्रिम पंक्ति के लोगों को दिया गया। इस वैक्सीन को सिनोफार्म के चाइना नेशनल बायोटेक ग्रुप कंपनी (CNBG) की ओर से तैयार किया गया है। इस वैक्सीन के फेज-3 के क्लीनिकल ट्रायल यूएई, पेरू, मोरक्को और अर्जेंटीना में किए गए।
झेंग ने बताया, ‘एक बार जब हम चिकित्सा कर्मचारियों में इम्यूनिटी बना लेंगे तो शहर के मूल संचालन में शामिल कर्मियों, जैसे किसानों के बाजार, परिवहन, और सेवा उद्योगों में शामिल लोगों को वैक्सीन दिया जा सकता है। इसके बाद पूरे शहर में ये अभियान बढ़ाया जा सकेगा।’
बता दें कि चीन के करीब महीने भर पहले से ही कोरोना वैक्सीन देने की आई खबरों के बाद अब सवाल भी उठ रहे हैं। चीन के वैक्सीन को लेकर मानक पूरा किये जाने पर भी सवाव उठ रहे हैं। गौरतलब है कि इसी महीने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ऐलान किया था कि उनके देश ने दुनिया की पहली कोरोना वायरस वैक्सीन को बना लिया है। रूस के भी वैक्सीन पर सवाल उठे थे।
चाइना ह्यूमन वैक्सीन इंडस्ट्री रिपोर्ट 2018-2022 के अनुसार, चीन दुनिया में टीकों का सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता है। चीन के पास देश भर के 40 निर्माताओं से सालाना एक बिलियन से अधिक 1 बिलियन खुराक की आपूर्ति करने की क्षमता है। यही नहीं चीन के पास कोरोना वायरस वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल के लिए किसी भी देश से कहीं अधिक उम्मीदवार हैं।