‘वर्क फ्रॉम होम’ ने घर और दफ्तर के बीच की दीवार को धुंधला कर दिया है। कभी कुकर की सीटी तो कभी टीवी का शोरगुल, कभी फल-सब्जी वाले की आवाज तो कभी बच्चों की उछल-कूद, घर में बैठकर ऑफिस का काम निपटाना कतई आसान नहीं। ऐसे में मशहूर अमेरिकी आर्किटेक्ट फर्म ‘लॉरेल एंड वोल्फ’ के विशेषज्ञों ने कुछ ऐसे उपाय सुझाए हैं, जो ‘वर्क फ्रॉम होम’ में होने वाली मुश्किलों को दूर करने के साथ ही उत्पादकता बढ़ाने में भी कारगर साबित हो सकते हैं।
-घर का पसंदीदा कोना चुनें-घर में ऑफिस का सेटअप लगाते समय यह मत भूलिए कि आपको वहां कम से कम आठ घंटे तो गुजारने ही हैं। कोशिश कीजिए कि ऑफिस टेबल घर के किसी खाली कोने के बजाय खिड़की के पास लगी हो।
-रोशनी-आंखों की सुरक्षा जरूरी है। लेकिन आजकल जब लोगों का अधिकतर समय वर्क फ्रॉम होम के दौरान लैपटॉप के आगे बीत रहा हो तो कोशिश करें कि आपके बैठने की जगह पर पर्याप्त रोशनी आती हो। अगर ऐसा नहीं हो पा रहा है तो आप एलईडी या सफ़ेद लाइट का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐसा करने से आपकी आंखों पर अधिक दवाब नहीं पड़ेगा।
दीवारों पर करें चमकीले पेंट का इस्तेमाल-
अपने डेस्क के ठीक बगल की दीवारों को रोशन करने के लिए चमकीले पेंट या वॉल पेपर का इस्तेमाल करें। ऐसा करने से आप हमेशा ऊर्जावान बने रहेंगे और आपको इन बोरिंग दिनों लंबे दिनों में कुछ बेहतर महसूस होगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि आप हमेशा ऊर्जावान बने रहते हैं अपनी सूचियों, टू-डू नोट्स और महत्वपूर्ण फोन नंबरों को चिपकाने के लिए एक व्हाइटबोर्ड या एक नियमित बोर्ड का उपयोग करें।
काम के बोझ तले दबे कर्मचारी-
-59% कर्मचारियों ने ‘वर्क फ्रॉम होम’ में ऑफिस से कहीं ज्यादा काम करने की बात कही
-91% ने अतिरिक्त काम के बदले कोई भत्ता या छुट्टी न दिए जाने पर नाखुशी जाहिर की
-87% का मानना है कि नियोक्ताओं को ‘वर्क फ्रॉम होम’ के लिए पारदर्शी नीति बनानी चाहिए
शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य पर असर-
-56% में पीठ-कमर-कंधे में दर्द, 52% में अनिद्रा और 38% में सिरदर्द की समस्या पनपी
-54% घर में रहते हुए भी बीवी-बच्चों, अभिभावकों के साथ अच्छे पल बिताने को तरसे
-33% को लॉकडाउन के शुरुआती महीनों में छुट्टी न मिलने से बेचैनी की शिकायत हुई
(स्रोत : योर एमिगोज फाउंडेशन का सर्वे)