छत्तीसगढ़ में कोरोना के खतरों के बीच स्वाइन फ्लू के 11 मरीज मिल चुके हैं। 2 मरीजों स्वस्थ हो चुके हैं, लेकिन 9 लोगों का उपचार रायपुर के निजी अस्पतालों में चल रहा है। 7 जिलों से स्वाइन फ्लू के मरीज मिले हैं, जिसमें रायपुर में 4, रायगढ़ में 2, धमतरी, दुर्ग, दंतेवाड़ा, राजनांदगांव और बस्तर जिले में एक-एक शामिल हैं। स्वाइन फ्लू के मामले सर्दियों में आते हैं, लेकिन इसका वायरस मॉनसून में भी सक्रिय हो गया है। बड़ी संख्या में स्वाइन फ्लू के मरीज मिलने से स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है। स्वास्थ्य विभाग ने मौसमी बीमारियों के साथ मंकीपॉक्स, कोरोना और स्वाइन फ्लू को लेकर अलर्ट रहने कहा है। जिला अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों, सीएचसी व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में इन्फ्लूंजा वैक्सीन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।
संचालक महामारी नियंत्रण डॉ. सुभाष मिश्रा ने बताया कि स्वाइन फ्लू एच-1 एन-1 (H1N1) इन्फ्लुएंजा ‘ए’ के कारण होता है। यह वायरस हवा और संक्रमित वस्तुओं को छूने से फैलता है। संक्रमण 7 दिनों तक रहता है। बरसात के मौसम में बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और बच्चों में संक्रमण तेजी से फैलता और अधिक बढ़ जाता है। विशेष रूप से हृदय रोग, श्वसन संबंधी रोग, लीवर रोग, किडनी रोग, डायबिटीज, एचआईव्ही और कैंसर से पीड़ित या ऐसे मरीज जो कि स्टेराइड की दवा का उपयोग लंबे समय से कर रहे हों, उन्हें सावधानी बरतनी होगी। स्वास्थ्य संचालक नीरज बंसोड़ ने सरकारी मेडिकल कॉलेजों के डीन, जिलों के सीएमएचओ को स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए सर्वेलांस, सैंपल जांच और इलाज के निर्देश दिए हैं, ताकि बीमारी न फैले।
स्वाइन फ्लू में इस तरह के लक्षण
डॉ. मिश्रा ने बताया कि संक्रमित को तेज बुखार के साथ खांसी, नाक बहना, गले में खराश, सिर दर्द, बदन दर्द, थकावट, उल्टी-दस्त, छाती में दर्द, रक्तचाप में गिरावट, खून के साथ बलगम आना व नाखूनों का नीला पड़ना स्वाइन फ्लू के लक्षण हो सकते हैं। उन्होंने इससे बचाव के लिए भीड़-भाड़ वाली जगहों में नहीं जाने, संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से दूर रहने तथा नियमित रूप से हाथ साबुन या हैण्डवॉश से धोने की सलाह दी है। सर्दी-खांसी एवं जुकाम वाले व्यक्तियों द्वारा उपयोग किए रूमाल और कपड़ों का उपयोग नहीं करें। स्वाइन फ्लू के लक्षण होने पर डॉक्टर से जांच जरूर करवा लें।