छत्तीसगढ़: दो सिर वाली बच्ची का जन्म, बना कौतूहल का विषय, डॉक्टरों ने बताया कारण…
महिला ने एक अनोखे बच्चे को जन्म दिया। इस बच्चे के जन्म के बाद से ही यह कौतूहल का विषय बन...

छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़ जिले के उप स्वास्थ्य केंद्र खमरौध में बुधवार को महिला ने एक अनोखे बच्चे को जन्म दिया। इस बच्चे के जन्म के बाद से ही यह कौतूहल का विषय बन गया। क्योंकि बच्चा सामान्य नहीं था। बच्चे के दो पैर और दो हाथ थे। लेकिन सिर दो थे। बच्ची के गर्दन के पास से दूसरा सिर जुड़ा हुआ था। बच्चे को देखने आसपास के ग्रामीण अस्पताल पहुंच गए।
मनेंद्रगढ़ जिले के जनकपुर का मामला: इस सबंध में जनकपुर बीएमओ डा. रमन सिंह ने बताया कि 28 सितंबर को जनकपुर से 20 किमी दूर खमरौंद में जिले के ब्लॉक जनकपुर स्थित उपस्वास्थ्य केंद्र सुबह 5 बजे गर्भवती महिला रामकली को प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने में भर्ती कराया, जिसके बाद स्टाफ ने डिलीवरी की तैयारी शुरु की। लगभग 8 बजे महिला ने दो सिर वाली बच्ची को जन्म दिया,
नवजात को देखने के लिए अस्पताल पहुंचे ग्रामीण
उन्होंने बताया कि जनकपुर में इस तरह का यह पहला मामला नहीं है। इसके दो वर्ष पहले एक महिला ने जनकपुर अस्पताल में विचित्र दिखने वाले बच्चे को जन्म दिया था। उसकी बाद में मौत हो गई थी। इसी तरह इस बच्ची के भी दो सिर थे। विचित्र बच्चे की जन्म की सूचना मिलते ही अस्पताल में नवजात को देखने के लिए भीड़ लग गई। उन्होंने बताया कि ऐसा बहुत कम बच्चे पैदा होते है। मेडिकल साइंस में इसे डाइसेफेलिक पैरापेगस कहते हैं। इसमें बच्चों के शरीर के अंग आपस में जुड़े रहते हैं। मेडिकल साइंस में इस तरह के बच्चों का जन्म करोड़ों में एक में होता है।
जन्म के बाद 15 मिनट ही जीवित रही बच्ची
उपस्वास्थ्य केंद्र में जन्मे बच्ची की जन्म के महज 15 मिनट तक ही जीवित रह सकी। पिता चैत प्रताप सिंह ने बताया कि बच्चे का एक हिस्सा सुन्न था। डाक्टरों ने बताया कि जन्म के वक्त बच्ची का एक सिर ठंडा था। जबकि दूसरे सिर वाले हिस्से की मौत 15 मिनट बाद हुई।
भ्रुण विकसित होने के दौरान होता है ऐसा
डाक्टरों के अनुसार यह मेडिकल साइंस के लिए एक मेडिकल डिसऑर्डर है, इस दौरान जन्मे बच्चे को एबनॉर्मल बर्थ चाइल्ड कहते हैं। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मिश्रा ने बताया कि ऐसा भ्रूण के एब्नॉर्मल ग्रोथ के कारण होता है। इस तरह जन्में शिशु ज्यादा समय तक सरवाइव नहीं कर पाते हैं। यह जिले का पहला मामला है। जिला मुख्यालय के अस्पताल में इससे पहले भी एक विचित्र बच्चे को जन्म देने का मामला सामने आया था।
