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छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़: बीजेपी नेताओं ने की केंद्रीय मंत्री से मुलाकात, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार की सूची सौंपी…

केंद्रीय शहरी कार्य मंत्री हरदीप पुरी से मुलाकात की। भाजपा ने नेताओ की यह मुलाकात रायपुर शहर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में व्याप्त कथित भ्रष्टाचार के संबंध में

छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री राजेश मूणत, सांसद सरोज पांडे और सुनील सोनी की अगुवाई में बुधवार को रायपुर शहर के भाजपा पार्षदों के दल ने दिल्ली में केंद्रीय शहरी कार्य मंत्री हरदीप पुरी से मुलाकात की। भाजपा ने नेताओ की यह मुलाकात रायपुर शहर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में व्याप्त कथित भ्रष्टाचार के संबंध में थी। भाजपा नेताओं ने केंद्रीय मंत्री से की गई अपनी शिकायत में कहा कि रायपुर के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में कार्य नहीं हो रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार से पूरा फण्ड लिया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ के भाजपा नेताओ की बातों को गंभीरता से सुनने के बाद केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने वह शिकायत के आधार पर जांच कराकर आवश्यक कार्यवाही करेंगे। बीजेपी पार्षद दल के प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय मंत्री पुरी को सौपे अपने ज्ञापन लिखा है कि स्मार्ट सिटी लिमिटेड रायपुर के कार्यों में लापरवाही और भ्रष्टाचार व्याप्त है। इसके अलावा भाजपा नेताओ ने रायपुर ने नालंदा परिसर की निकट नाईट चौपाटी के निर्माण के संबंध में भी शिकायत केंद्र सरकार के समक्ष की है। गौरतलब है कि 4 जनवरी से पूर्व मंत्री राजेश मूणत भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ चौपाटी के विरोध में बेमियादी धरना दे रहे हैं। मूणत का कहना है कि एजुकेशन हब में चौपाटी का निर्माण अवैध है और स्मार्ट सिटी के नियमो के खिलाफ है।

भाजपा की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि वर्ष 2018 में स्मार्ट सिटी रायपुर का प्लान साइज 926.8 करोड़ रुपये की आई। जिसमें 70 मुख्य परियोजनाएं एवं 314 उप परियोजनाएं स्वीकृत हुई। सितम्बर 2022 में इनमें 185 योजना, जिसके लिए स्वीकृत राशि 388.74 करोड़ रुपये है, को पूर्ण बताया जा रहा है।8.12.2015 को नगर निगम रायपुर द्वारा प्रथम चरण में प्रस्ताव तैयार कर केन्द्र शासन को भेजा गया था। उस प्रस्ताव के अनुकूल कार्य नहीं किया गया है। प्रतिस्पर्धा के जनभागीदारी एवं जन सुझाव के आधार पर पेन सिटी के लिए प्लान (वित्तीय प्लान सहित) तैयार कर भारत सरकार को भेजा गया। कार्य उसके अनुरूप नहीं हो रहा है एवं 129 परियोजना का प्रगतिरत जिसके लिए स्वीकृत राशि 538.05 करोड़ रुपये बताई जा रही है। उपर्युक्त कार्य में पूरा फर्जीवाड़ा और अत्याधिक आर्थिक हेराफेरी है। जिसका भौतिक सत्यापान आप किसी को भी भेज कर करवा सकते हैं। हम दावे के साथ कह सकते हैं कि धरातल पर उपर्युक्त कार्य बताये अनुसार नहीं हुए है। यह सारी जानकारी केंद्रीय मंत्री पुरी को उपलब्ध कराई गई है।

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