छत्तीसगढ़ में दूसरे चरण का मतदान 17 नवंबर को होना है। इस दिन छठ पर्व की शुरुआत हो रही है। ऐसे में वोटिंग डेट बदलने की मांग उठ रही है। मतदान की तारीख बदलने को लेकर फैसला जल्द हो सकता है। छत्तीसगढ़ मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी की ओर से एक पत्र इस मामले में भारत निर्वाचन आयोग को भेजा गया है।
राजनीतिक दल और सामाजिक संगठनों के नेताओं की ओर से भी वोटिंग तारीख बदलने की मांग लगातार की जा रही है। जिसके बाद 20 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ के संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रुपेश वर्मा ने इसे लेकर स्थिति स्पष्ट की। रिपोर्ट्स के अनुसार जानकारी दी कि मतदान दिनांक बदलने को लेकर आए पत्रों को भारत निर्वाचन आयोग को भेजा गया है।
हालांकि मतदान डेट को बढ़ाने का फैसला चुनाव आयोग की ओर से ही लिया जाएगा। इसके बाद इसकी जानकारी सार्वजनिक की जाएगी। फिलहाल आयोग की तरफ से बदलने को लेकर कोई सूचना नहीं दी गई है।
रविवार रात अंबिकापुर में उपमुख्यमंत्री सिंहदेव ने भी दूसरे चरण की वोटिंग डेट पर सवाल उठाए थे। उन्होंने मीडिया कर्मियों से चर्चा करते हुए कहा था कि दूसरे चरण की वोटिंग तारीख 17 नवंबर है और उसके आसपास भाईदूज, गोवर्धन पूजा, दीपावली और और छठ पूजा का पर्व है। हालांकि, यह चुनाव आयोग के विवेक और सोच पर आधारित है कि किस आधार पर डेट तय की जा रही हैं।
वहीं रमन सिंह ने भी सोशल मीडिया में लिखा कि, छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण (17 नवंबर) के निकट छठ पूजा का पर्व आने से बड़ी संख्या में वा
वोटर्स इस निर्वाचन प्रक्रिया का हिस्सा नहीं बन पायेंगे। मैं चुनाव आयोग से आग्रह करता हूं कि दूसरे चरण की वोटिंग को आगे बढ़ाने की कृपा करें, जिससे अधिक से अधिक संख्या में वोटर्स इस चुनाव से जुड़कर अपने मताधिकार का उपयोग कर पाएं।
जिस मतदान तारीख को बदलने का मांग उठी है उस दिन छत्तीसगढ़ की 70 सीटों पर मतदान होना है। छत्तीसगढ़ में पहले चरण का मतदान 7 नवंबर को होगा जिसमें बस्तर संभाग और राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र की 20 सीटें हैं। वहीं 17 नवंबर को बाकी बची 70 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। इस दिन से ही छठ महापर्व की शुरुआत हो रही है। वहीं दोनों चरणों का परिणाम एक साथ 3 दिसंबर को आएंगे।