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बिलासपुर: संजीवनी हॉस्पिटल में संभाग का पहला स्मार्ट ICU यूनिट लोकार्पित…शहर को मिली उच्च गुणवत्ता की क्रिटिकल केयर सुविधा…

संजीवनी अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम मौजूद है. बिलासपुर और बंगलुरु के डाक्टरों की टीम संयुक्त रूप से गंभीर रोगियों की निगरानी करेगी

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर स्थित संजीवनी अस्पताल में संभाग का पहला क्लाउड बेस्ड स्मार्ट ICU यूनिट स्थापित कर गुरूवार 28 दिसम्बर को लोकार्पित किया गया. संजीवनी अस्पताल के डायरेक्टर डॉ विनोद तिवारी ने बताया कि आज पूरी दुनिया में अत्याधुनिक चिकित्सकीय उपकरणों और इन्टरनेट के जरिये गंभीर रोगों का ईलाज हो रहा है. इस सुविधा के तहत मरीज की बीमारी के बारे में दूर बैठे हुए डाक्टरों की टीम से विचार-विमर्श कर पारदर्शी और सटीक ईलाज की सुविधा मिल जाती है. बिलासपुर का संजीवनी अस्पताल 100 से अधिक विशेषज्ञ चिकित्सकों की मदद से यह लाभ मरीजों को पहुँचाने के लिए कृतसंकल्पित है।

उन्होंने बताया कि बिलासपुर के संजीवनी अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम मौजूद है. बिलासपुर और बंगलुरु के डाक्टरों की टीम संयुक्त रूप से गंभीर रोगियों की निगरानी करेगी तथा उन्हें भरोसेमंद तथा सस्ती चिकित्सा उपलब्ध कराएगी. उन्होंने बताया कि क्लाउड फिजिशियन, डिजिटल रूप से उन्नत 24/7 सघन निगरानी वाले क्रिटिकल केयर समाधान ने देशभर के कई अस्पतालों में अपनी स्मार्ट आईसीयू सेवाएँ स्थापित की है. इन सेवाओं की मदद से स्वास्थ्य-सेवा के क्षेत्र में क्रिटिकल केयर प्रबंधन की कमी को दूर करते हुए मरीजों को गुणवत्तापूर्ण हेल्थकेयर प्रदान की जाएगी.

डॉ तिवारी ने बताया कि संजीवनी हॉस्पिटल में स्मार्ट आईसीयू सेवा के साथ कुल 100 बेड्स हैं, जिनमें 40 इंटेसिव केयर यूनिट (ICU) बेड्स भी शामिल हैं. संजीवनी अस्पताल में शहर के साथ-साथ ग्रामीण आबादी भी लाभान्वित होगी. संजीवनी अस्पताल में स्मार्ट ICU यूनिट के लोकार्पण अवसर पर डॉ बंशगोपाल सिंह, कुलपति, पंडित सुन्दरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे. इसके साथ ही डॉ प्रशांत द्विवेदी, IMA अध्यक्ष, डॉ अजय श्रीवास्तव, शिक्षाविद और समाजसेवी, डॉ संजना तिवारी, स्त्री रोग विशेषज्ञ और डॉ पार्थ सारथी घोष, कंसल्टेंट, क्लाउडफिजिशियन, बंगलुरु भी बतौर अतिथि उपस्थित थे.

डॉ तिवारी ने आश्वस्त किया कि संजीवनी हॉस्पिटल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आयुष्मान भारत-राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को भी समुचित ईलाज की सुविधा मिलेगी. उन्होंने गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाइयों के इस्तेमाल की भी पैरवी की. डॉ तिवारी ने संजीवनी हॉस्पिटल की भविष्य की योजना के संबंध में बताया कि आने वाले समय में हम रोबोटिक सर्जरी के क्षेत्र में कदम रखने जा रहे हैं. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित एडवांस टेक्नोलॉजी का लाभ हम क्षेत्र की जनता तक पहुँचाने के लिए प्रयासरत है.

स्मार्ट ICU की विशेषताएं…
संजीवनी हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ विनोद तिवारी ने कहा कि देश में इंटेसिविस्ट की कमी को दूर करने और गंभीर रूप से बीमार रोगियों को प्रदान की जाने वाली देखभाल की गुणवत्ता में सुधार के लिए भारत में एक स्मार्ट आईसीयू की आवश्यकता महसूस की गई। उन्नत तकनीकों का लाभ उठाकर और नियमित कार्यों को स्वचालित करके, स्मार्ट आईसीयू इंटेसिविस्ट पर दबाव कम करने, दक्षता बढ़ाने और रोगी परिणामों में सुधार करने में मदद कर सकते हैं। एक स्मार्ट आईसीयू सिर्फ एक टेली-आईसीयू ही नहीं बल्कि उससे कहीं अधिक है। यह एक बहु-विषयक टीम के नेतृत्व वाली आईसीयू सुपर स्पेशलिस्ट सुविधा है जो 24/7 उपलब्ध हैं। बेडसाइड आईसीयू को एक देखभाल केंद्र से जोड़कर, एक स्मार्ट आईसीयू बेडसाइड टीम का हिस्सा बनाया जाता है, जो किसी भी समय सर्वोत्तम सहयोगी देखभाल और सहायता प्रदान करने के लिए उनके साथ काम करता है। प्रोटोकॉलयुक्त देखभाल एक स्मार्ट आईसीयू की पहचान है, जो वैश्विक स्तर के अनुसार और कुशल देखभाल प्रदान करने की अनुमति देती है। उन्नत तकनीकों के उपयोग के माध्यम से, एक स्मार्ट आईसीयू नियमित कार्यों को स्वचालित करने में सक्षम है. चिकित्सक के समय को मुक्त करता है और उन्हें इस बात पर ध्यान केंद्रित करने की अनुमति देता है कि वे क्या करते हैं।

क्लाउडफिजिशियन की स्थापना डॉ. ध्रुव जोशी और डॉ. दिलीप रमण ने की है। ये दोनों यूएस में प्रशिक्षित क्रिटिकल केयर डॉक्टर और पल्मोनोलॉजिस्ट्स हैं। इनका लक्ष्य भारत में और पूरे विश्व में क्रिटिकल केयर के वितरण और उत्कृष्टता की कायापलट करना है। यह संगठन संजीवनी हॉस्पिटल जैसे अस्पतालों में चिकित्सकीय टीमों को क्रिटिकल केयर इंटेंसिव केयर में बहुविषयक विशेषज्ञता के साथ ज्यादा समर्थ और क्षमतावान बनाता है। इससे एक प्रौद्योगिकी-संचालित मॉडल के ज़रिए सक्रिय होकर आईसीयू की निगरानी और प्रबंधन का स्तर ऊँचा होता है। स्मार्ट आई सी यू का अनुभव क्लाउडफिजिशियन के रडार नामक ट्रेडमार्क युक्त आईसीयू प्लैटफॉर्म द्वारा संवर्धित है। यह वेब-आधारित सॉफ्टवेयर मेडिकल टीमों की आवश्यकता के अनुसार बनाया गया है, जो चिकित्सकीय कार्य और देखभाल करने वालों के लिए प्रयोग में लाया जाता है।

क्लाउडफिजिशियन के सीईओ और को-फाउंडर, ध्रुव जोशी के अनुसार, “हमारा दृढ़ विश्वास है कि रोगी चाहे कहीं भी हो, उसे उच्च गुणवत्ता की क्रिटिकल केयर उपलब्ध होनी चाहिए। गंभीर स्थितियों में यह और ज्यादा ज़रूरी हो जाता है क्योंकि ऐसी स्थितियों में रोगियों के पास वक्त नहीं होता। आज क्लाउडफिजिशियन में टेक्नोलॉजी और विशेषज्ञ चिकित्सकीय टीमों के मेल से हम मरीज़ों के लिए सर्वश्रेष्ठ संभव देखभाल मुहैया करा रहे हैं जिससे अक्सर उनके जीवन की रक्षा होती है।”

क्लाउडफिजिशियन क्या है…
क्लाउडफिजिशियन एक हेल्थकेयर कंपनी है जो स्मार्ट आईसीयू समाधानों के द्वारा क्रिटिकल केयर प्रदान करने के नए तौर-तरीके स्थापित कर रही है। हम अपने आंतरिक स्रोत से अभिकल्पित और विकसित अपनी उन्नत प्रौद्योगिकी के प्रयोग से पूरे विश्व में देखभाल की सुलभता में वृद्धि करते हैं। हमारा ध्यान और हमारे प्रयास उत्तम क्रिटिकल केयर को हर जगह और सभी जगह प्रत्येक मरीज की पहुँच के भीतर लाना है। इसमें अत्याधुनिक लेकिन प्रयोग में आसान टेक्नोलॉजी, सर्वश्रेष्ठ चिकित्सकीय विशेषज्ञता, व्यवस्थित परिवर्तन प्रबंधन समाधान और कौशल उन्नयन प्रोग्राम का संयोजन है। अपनी इन खूबियों के बदौलत यह प्रणाली देखभाल प्रदान करने की विधि का रूपांतरण कर रही है। आज, क्लाउडफिजिशियन रोगी केन्द्रित समाधान मुहैया करा रहा है। इसके समाधान मेडिकल टीमों की जरूरतों के अनुसार विशिष्ट रूप से बनाये गए हैं।

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