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बिलासपुर: बीएनआई (BNI) की लूट का व्यापार मेला: साइंस मैदान का 7 दिन का किराया मात्र 70 हजार… व्यापारियों से वसूले 75 लाख से अधिक…सुविधा के नाम पर एक ट्यूबलाइट भी जलाने की अनुमति नहीं…

बिलासपुर। अंतरराष्ट्रीय संस्था बीएनआई (बिजनेस नेटवर्क इंटरनेशनल) की बिलासपुर इकाई ने साइंस कॉलेज मैदन में लूट का व्यापार मेला लगा रखा है। यह हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि वहां स्टॉल लगाने वाले उद्योगपितयों और व्यापारियों की पीड़ा बयां कर रही हैं। दरअसल, बीएनआई के स्थानीय पदाधिकारियों ने वहां स्टॉल लगाने के एवज में हर व्यापारी से करीब 25 से 30 हजार रुपए वसूले हैं। स्टॉल बुकिंग से पहले उन्हें यह झांसा दिया गया था कि मेला स्थल पर उन्हें सारी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी, लेकिन व्यापार मेला शुरू होते ही उनसे ही हर चीज की वसूली की जा रही है। सुविधा के नाम पर एक ट्यूबलाइट तक जलाने की अनुमति नहीं दी गई है। इसका भी अलग से चार्ज लिया जा रहा है। अब स्टॉल लगाने वाले व्यापारी कह रहे हैं कि वे यहां आकर फंस गए हैं। जैसे-तैसे 7 दिन गुजारेंगे और उसके बाद तौबा। यहां से लौटकर वे अपने अन्य साथियों को यहां के कड़वा अनुभव को बताएंगे।

बीएनआई के बैनर तले सरकंडा स्थित साइंस कॉलेज मैदान में पहली बार व्यापार एवं उद्योग मेला लगाया गया है। मेला का उद्घाट 10 जनवरी को हुआ। कार्यक्रम में अतिथि के तौर पर कई ओहदेदार नेताओं को आमंत्रित किया गया था, लेकिन पहुंचे सिर्फ बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक, बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला ही। शायद अन्य अतिथियों को यह आभास हो गया था कि यहां उनके नाम की आड़ में लूट का बाजार सजाया जा रहा है। मेला 16 जनवरी तक चलेगा। मेला के उद्घाटन से पहले ही वसूली को लेकर मैदान के सामने रोड किनारे दुकान लगाने वालों ने मोर्चा खोल दिया था। उनका विरोध इस बात को लेकर था कि दो से चार हजार रुपए नहीं देने पर उन्हें वहां से खदेड़ा जा रहा है। जबकि वे सालों से वहां व्यवसाय करते आ रहे हैं। बेजा वसूली का यह मामला थमा नहीं है कि स्टॉल लगाने वालों से ही बेजा वसूली का बड़ा मामला सामने आ गया है। स्टॉल लगाने वाले व्यापारियों के अनुसार स्टॉल बुकिंग करने से पहले बीएनआई के स्थानीय कर्ताधर्ताओं ने उन्हें यह सब्जबाग दिखाया था कि यहां बिजली, पानी से लेकर उन्हें तमात तरह की बुनियादी सुविधाएं दी जाएंगी। मेला स्थल पर उन्हें लाखों रुपए की बुकिंग दिलाई जाएगी, लेकिन बुकिंग तो दूर, यहां स्टॉल लगाने वाले सुविधाओं के लिए मोहताज हो गए हैं। दरअसल, इन्हें सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं दिया गया।

स्टॉल लगाने की फीस की बात करें तो पांव तले जमीन खिसक जाएगी। दरअसल, एक स्टॉल के पीछे बीएनआई के कर्ताधर्ताओं ने 25 से 30 हजार रुपए तक वसूले हैं। मेला स्थल पर 300 से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं। इस हिसाब से बीएनआई के स्थानीय कर्ताधर्ताओं की जेब में एक झटके में 75 लाख रुपए से अधिक जमा हो गई है। मैदान किराए की बात करें तो यह मैदान साइंस कॉलेज का है, जिसे जो वहां के संगीत विभाग के अधीन है। बीएनआई के कर्ताधर्ताओं को संगीत विभाग ने प्रतिदिन 10 हजार रुपए की दर से 7 दिनों के लिए यह मैदान दे दिया है। यानी कि मैदान कुछ खर्च महज 70 हजार रुपए। टेंट और अन्य व्यवस्थाओं की बात करें तो अधिकतम 5 लाख रुपए से ज्यादा खर्च नहीं हुआ होगा। इस हिसाब से बीएनआई के स्थानीय कर्ताधर्ताओं ने लूट का व्यापार मेला लगाकर महज सात दिन में 70 लाख रुपए से अधिक का वारा-न्यारा कर लिया है। 70 लाख से अधिक इसलिए, क्योंकि ठेला, गुमटी वालों से अलग से 2 से 4 हजार रुपए की वसूली गई है।

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