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नकली चाइनीज लहसुन: सीमा पर पकड़ा गया 16 टन ‘नकली’ लहसुन…जानिए ये कैसे हो रहा तैयार, खाने से क्या होगा असर?

चाइनीज लहसुन की यह खेप नेपाल से अवैध तरीके से भारत में लाई गई थी, और इसे स्थानीय ग्रामीणों द्वारा मिट्टी से निकालने का मामला चर्चा में है...

हाल ही में उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले में नेपाल से तस्करी के जरिए लाया गया लगभग 16 टन चाइनीज लहसुन जब्त किया गया। यह लहसुन स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार बेहद खतरनाक साबित हो सकता है, क्योंकि इसमें हानिकारक फंगस पाया गया है। चाइनीज लहसुन की यह खेप नेपाल से अवैध तरीके से भारत में लाई गई थी, और इसे स्थानीय ग्रामीणों द्वारा मिट्टी से निकालने का मामला चर्चा में है। आइए जानें कि यह नकली लहसुन कैसे तैयार किया जाता है, इसका स्वास्थ्य पर क्या असर हो सकता है, और यह समस्या कितनी व्यापक हो चुकी है।

नकली चाइनीज लहसुन की उत्पत्ति

चाइनीज लहसुन, जो नेपाल के रास्ते भारत में अवैध रूप से तस्करी करके लाया जा रहा है, स्वाभाविक तरीके से उगाए गए लहसुन से बिल्कुल अलग होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह लहसुन प्राकृतिक प्रक्रिया से नहीं उगाया जाता, बल्कि इसे आर्टिफिशियल रूप से तैयार किया जाता है। इसमें तेज़ी से बढ़ने के लिए रसायनों का उपयोग किया जाता है, और इसके उत्पादन में ऐसे तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है जो सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं।

चाइनीज लहसुन की तस्करी करने वाले लोग इसे नकली लहसुन के रूप में लाकर भारत में बेचते हैं, जहां इसका उपयोग घरेलू उपयोग के साथ-साथ खेतों में बुआई के लिए भी किया जा रहा है। यह लहसुन देखने में असली जैसा ही होता है, लेकिन इसमें फंगस और अन्य विषैले तत्व होते हैं, जो इसके सेवन को खतरनाक बना देते हैं।

स्वास्थ्य पर असर

चाइनीज लहसुन में पाए जाने वाले फंगस और रसायन मानव स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकते हैं। डॉ. अमित राव गौतम के अनुसार, इस लहसुन का सेवन करने से पेट संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसके प्रमुख दुष्प्रभावों में गैस्ट्राइटिस (पेट में सूजन), पेट दर्द और अपच जैसी समस्याएं शामिल हैं। इसके अलावा, यह लहसुन शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को भी कमजोर कर सकता है, जिससे अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।

चूंकि यह लहसुन नेचुरल प्रोसेस से नहीं उगाया जाता, इसलिए इसके सेवन से शरीर में विषाक्त पदार्थ जमा हो सकते हैं। यह लहसुन भारत में प्रतिबंधित है, लेकिन तस्करी के जरिए इसे देश के अलग-अलग हिस्सों में पहुंचाया जा रहा है, जो जनस्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रहा है।

तस्करी और कस्टम विभाग की चुनौती

बीते एक महीने में कस्टम विभाग ने नेपाल से तस्करी के जरिए लाया गया लगभग 16 टन चाइनीज लहसुन जब्त किया है। इसके बाद इस लहसुन को मिट्टी में दबाकर नष्ट करने का प्रयास किया गया था, लेकिन यह प्रक्रिया पूरी तरह से प्रभावी नहीं रही। जब अधिकारियों ने लहसुन को मिट्टी में दबाया, तो स्थानीय ग्रामीणों ने इसे खोदकर निकालना शुरू कर दिया। ग्रामीण इसे बाजार में ऊंची कीमतों के चलते अपने खेतों में बुआई के लिए ले जा रहे हैं, जबकि विशेषज्ञों का मानना है कि इसका कोई भी इस्तेमाल स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है।

कस्टम विभाग पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं कि जब यह लहसुन इतना खतरनाक है, तो इसे पूरी तरह से नष्ट क्यों नहीं किया गया। मिट्टी में दबाने के बजाय इसे जलाने या अन्य सुरक्षित तरीकों से नष्ट करना चाहिए था, ताकि ग्रामीण इसे दोबारा निकालने में सक्षम न हो पाते।

समस्या का समाधान

चाइनीज लहसुन की तस्करी से निपटने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है। सरकार को सीमाओं पर निगरानी बढ़ानी चाहिए ताकि ऐसे अवैध उत्पाद देश में न आ सकें। इसके साथ ही, स्वास्थ्य जागरूकता अभियानों के जरिए ग्रामीणों और अन्य लोगों को इस नकली लहसुन के खतरों के बारे में जानकारी देनी चाहिए।

ग्रामीण क्षेत्रों में इस लहसुन की बुआई रोकने के लिए उचित कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि यह विषाक्त लहसुन किसी भी रूप में भारतीय खाद्य प्रणाली का हिस्सा न बने। इसके अलावा, कस्टम विभाग और अन्य संबंधित एजेंसियों को ऐसे हानिकारक उत्पादों को नष्ट करने के प्रभावी तरीकों पर विचार करना चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।

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