Sunday, October 6, 2024
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बिलासपुर: शहर के अंदर चल रहे सरकारी जमीन पर अवैध प्लाटिंग पर निगम की कार्रवाई: बुलडोजर चलाकर किया गया ध्वस्तीकरण…

बिलासपुर। हाल ही में राजधानी रायपुर में आयोजित कलेक्टर कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अवैध जमीन कारोबार और भू माफियाओं पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। इसी कड़ी में बिलासपुर के कुदुदंड इलाके में नजूल की सरकारी जमीन पर किए जा रहे अवैध प्लाटिंग के खिलाफ नगर निगम ने बड़ी कार्रवाई की। इस भूमि पर अवैध प्लाटिंग कर छोटे भूखंडों को बेचा जा रहा था, जो कि न केवल गैरकानूनी था, बल्कि प्रशासनिक नियमों का भी उल्लंघन था।

कुदुदंड स्थित नजूल भूमि, जो ग्राम-जूना बिलासपुर, मोहल्ला चांटापारा में स्थित है, को भूपेन्द्र राव ताम्रस्कर, राजेश अग्रवाल और राजू गर्ग द्वारा अवैध रूप से प्लाटिंग कर बेचा जा रहा था। यह भूमि कुल 92980 वर्गफीट (करीब 2.13 एकड़) है, जिसे पहले भूपेन्द्र राव ताम्रस्कर को शासकीय पट्टेदार के रूप में आबंटित किया गया था। लेकिन 31 मार्च 2015 को इसकी लीज अवधि समाप्त हो गई थी। इसके बावजूद, बिना किसी सक्षम प्राधिकारी की स्वीकृति के, इस भूमि को छोटे-छोटे भूखंडों में विभाजित कर बेचा जा रहा था।

निगम को इस अवैध प्लाटिंग की जानकारी मिलने पर तुरंत नोटिस जारी किया गया, लेकिन आरोपी पक्ष से कोई जवाब नहीं आया। इसके बाद, नगर निगम के कमिश्नर अमित कुमार के निर्देश पर अतिक्रमण और भवन शाखा ने कार्रवाई की। इस कार्रवाई के तहत प्लाटिंग के लिए बनाई गई सड़कों, बाउंड्रीवॉल्स और अन्य निर्माण सामग्री को ध्वस्त कर दिया गया। साथ ही, मटेरियल सामग्री को भी जब्त कर लिया गया है।

नगर निगम द्वारा न केवल अवैध प्लाटिंग को ध्वस्त किया गया, बल्कि संबंधित भूमि के नामांतरण को रोकने के लिए जिला पंजीयक को भी पत्र लिखा गया था, ताकि भविष्य में इस भूमि की रजिस्ट्री न हो सके।

गुरुवार को कलेक्टर कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री द्वारा भू माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे। इसके बाद प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अवैध प्लाटिंग पर शिकंजा कसा। नजूल विभाग ने भी इस मामले में नगर निगम से अनापत्ति प्रमाण पत्र की मांग की थी, जिसे अवैध प्लाटिंग के कारण नामंजूर कर दिया गया।

भविष्य में प्रशासन इस तरह की अवैध गतिविधियों पर और सख्त निगरानी बनाए रखने की योजना बना रहा है। भू माफियाओं द्वारा अवैध तरीके से जमीनों की प्लाटिंग और विक्रय रोकने के लिए प्रशासनिक और कानूनी कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि सरकारी जमीन का सही उपयोग हो सके और जनता को नुकसान से बचाया जा सके।

इस पूरी कार्रवाई के दौरान भवन अधिकारी सुरेश शर्मा, जोन कमिश्नर सविता अनंत, अतिक्रमण प्रभारी जुगल किशोर सिंह, कु. शशि वारे, रवि नवरंगे और पुलिस बल मौजूद थे, जिन्होंने प्रशासनिक निर्देशों के तहत इस अवैध गतिविधि को समाप्त किया।

इस घटना से स्पष्ट है कि भू माफियाओं और अवैध कब्जाधारियों के खिलाफ राज्य सरकार की सख्ती बढ़ती जा रही है। सरकारी जमीनों का दुरुपयोग रोकने के लिए प्रशासन द्वारा उठाए गए इस कदम की सराहना की जा रही है।

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