Saturday, November 9, 2024
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ऑनलाइन गेमिंग की लत: एक JEE क्वालिफाइड छात्र से 96 लाख के कर्ज में डूबा जुआरी, जानें छात्र की आपबीती और इसके गंभीर परिणाम…

Online Gaming: ऑनलाइन गेमिंग आजकल के डिजिटल युग में मनोरंजन के साधन के रूप में उभर कर सामने आया है, लेकिन इसके नकारात्मक पहलुओं को नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता। कई लोग इस खेल में अपने समय, धन और मानसिक संतुलन को खो देते हैं। हाल ही में दिल्ली के कनॉट प्लेस में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान, हिमांशु मिश्रा नामक एक युवक ने अपनी दुखद कहानी साझा की, जिसने ऑनलाइन गेमिंग की वजह से 96 लाख रुपये का कर्ज लिया और अब उसके परिवार ने उससे मुंह मोड़ लिया है।

हिमांशु एक JEE क्वालिफाइड छात्र हैं, जिन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए पैसे जुटाए थे। लेकिन ऑनलाइन गेमिंग की लत ने उनकी जिंदगी बदल कर रख दी। ऑनलाइन जुए में लाखों रुपये हारने के बाद, हिमांशु पर भारी कर्ज हो गया। वह इतने हताश हो गए कि आत्महत्या का प्रयास तक किया, लेकिन किसी तरह बच गए। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन गेमिंग का प्रभाव इतना घातक हो सकता है कि यह लोगों की जिंदगी और उनके परिवार को बर्बाद कर सकता है।

हिमांशु की मां एक शिक्षिका हैं, और उनके बड़े भाई भी एक सम्मानजनक स्थान पर हैं। लेकिन ऑनलाइन गेमिंग की लत के कारण हिमांशु ने अपने परिवार का विश्वास खो दिया। वह इस कदर निराश हैं कि उनके परिवार ने उनसे संबंध तोड़ लिया है। हिमांशु ने रोते हुए बताया कि अब उनके घर में कोई उनसे बात नहीं करता। उनका कहना है कि यदि वह इस दर्द से गुजरते हुए कुछ कर भी लेते हैं, तो भी उनके परिजन उनसे मिलने नहीं आएंगे। इस प्रकार, वह न केवल आर्थिक रूप से बल्कि भावनात्मक और सामाजिक रूप से भी पूरी तरह से टूट चुके हैं।

हिमांशु ने अपनी कहानी में यह भी बताया कि वह लोगों से पैसे लेकर धोखाधड़ी करता था ताकि वह गेम खेल सकें। उन्होंने कहा कि टीवी और सोशल मीडिया पर प्रसारित होने वाले ऑनलाइन गेमिंग के विज्ञापन इस लत को और बढ़ावा देते हैं। इनमें दिखाया जाता है कि कैसे लोग गेम खेलकर करोड़ों रुपये कमा सकते हैं, लेकिन इसके पीछे की वास्तविकता बहुत खतरनाक होती है।

हिमांशु की आपबीती उन सभी युवाओं के लिए एक चेतावनी है जो ऑनलाइन गेमिंग की चमक-धमक से आकर्षित होते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कई लोग इस लत की वजह से बर्बाद हो गए हैं और कई तो आत्महत्या तक कर चुके हैं। हिमांशु का मानना है कि ऑनलाइन गेमिंग पर सख्त रोक लगनी चाहिए, ताकि भविष्य में और लोगों की जिंदगी इससे बर्बाद न हो।

इस प्रकार की घटनाएं हमें यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि ऑनलाइन गेमिंग के बढ़ते चलन पर नियंत्रण लगाने के लिए सरकार को सख्त कानून बनाने की जरूरत है। साथ ही, माता-पिता और शिक्षकों की भी यह जिम्मेदारी है कि वे बच्चों पर नजर रखें और उन्हें समय रहते ऑनलाइन गेमिंग के खतरों से आगाह करें।

हिमांशु की यह दर्दनाक कहानी एक बड़ी समस्या की ओर इशारा करती है। ऑनलाइन गेमिंग की लत न केवल आर्थिक रूप से बल्कि मानसिक और सामाजिक रूप से भी लोगों की जिंदगी को प्रभावित करती है। यह समय है कि हम सभी मिलकर इस समस्या के समाधान की दिशा में कदम उठाएं और युवाओं को इस खतरनाक लत से बचाने का प्रयास करें।

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