बिलासपुर, मरवाही: मरवाही क्षेत्र में हाल ही में एक आक्रामक भालू ने ग्रामीणों के बीच दहशत का माहौल पैदा कर दिया, जिससे दो ग्रामीणों की जान चली गई और पांच लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इन हमलों के बाद वन विभाग के उच्चाधिकारियों ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू करने का निर्णय लिया। इस कार्यवाही के तहत भालू को बेहोश कर सुरक्षित पिंजरे में कैद कर लिया गया।
इस भयावह घटना की शुरुआत तब हुई जब मरवाही के ग्रामीण क्षेत्र में बकरी चराने गई एक किशोरी और एक अन्य ग्रामीण पर भालू ने हमला कर दिया। इस हमले में दोनों की मृत्यु हो गई। इसके बाद भालू ने पांच और ग्रामीणों पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया। एक के बाद एक हो रहे हमलों से क्षेत्र में भय और आतंक का माहौल बन गया। स्थानीय वन विभाग ने तुरंत इस मुद्दे को उच्चाधिकारियों के संज्ञान में लाया और उन्हें बताया कि भालू आक्रामक हो गया है और अगर इसे जल्द से जल्द नहीं पकड़ा गया, तो और अधिक जनहानि हो सकती है।
वन विभाग के अधिकारियों ने घटना की गंभीरता को समझते हुए रेस्क्यू की अनुमति दी। कानन पेंडारी के विशेषज्ञ वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. पीके चंदन को रेस्क्यू ऑपरेशन की जिम्मेदारी सौंपी गई। डॉ. चंदन और उनकी टीम ने रविवार की दोपहर को मरवाही क्षेत्र में पहुंचकर रेस्क्यू की प्रक्रिया शुरू की। भालू उस समय ग्राम उषाड के डोंगराटोला के खेत के पास मौजूद था। डॉ. चंदन ने ट्रैंक्यूलाइजर गन की मदद से भालू को बेहोश किया और वन विभाग की टीम ने उसे सुरक्षित पिंजरे में बंद कर लिया।
रेस्क्यू किए गए भालू को फिलहाल उपचार की आवश्यकता है, क्योंकि वह घायल है। वन विभाग के अधिकारी यह तय करने में जुटे हैं कि भालू को कानन पेंडारी जू लाया जाए या फिर जंगल के किसी सुरक्षित स्थान पर छोड़ा जाए। मरवाही डीएफओ रौनक गोयल ने बताया कि वाइल्डलाइफ विशेषज्ञों और डॉक्टरों की सलाह के बाद ही इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
रेस्क्यू किए गए भालू की उम्र लगभग आठ से नौ साल बताई जा रही है और वह नर है। हालांकि, वन विभाग को अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि वह अचानक इतना आक्रामक क्यों हो गया। यह संभव है कि उसके आक्रामक व्यवहार के पीछे भोजन की कमी या किसी अन्य प्राकृतिक कारण हो सकता है, लेकिन इसकी पुष्टि के लिए विशेषज्ञों द्वारा जांच की जा रही है।
इस घटना ने मरवाही क्षेत्र के ग्रामीणों को गहरे सदमे में डाल दिया है। भालू के हमलों के बाद लोग अपने घरों से बाहर जाने में डर रहे हैं। वन विभाग की टीम द्वारा भालू को पकड़ने के बाद ग्रामीणों ने थोड़ी राहत की सांस ली है, लेकिन इस घटना ने वन्यजीवों और मानव समाज के बीच बढ़ते संघर्ष की समस्या को उजागर कर दिया है।
इस पूरी घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वन्यजीवों के निवास स्थान और मानव बस्तियों के बीच की दूरी कम होती जा रही है, जिससे इस प्रकार के संघर्ष बढ़ रहे हैं। वन विभाग और विशेषज्ञों के लिए यह एक महत्वपूर्ण चुनौती है कि वे इस समस्या का हल कैसे निकालें, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।