छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय, बिलासपुर ने दिनांक 6 अक्टूबर 2023 को आम जनों के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना जारी की है। इसमें जनता से अपील की गई है कि वे न्यायालयों में नियुक्ति के नाम पर मिलने वाले किसी भी आश्वासन या प्रलोभन से बचें, क्योंकि यह न केवल एक गैरकानूनी कृत्य है, बल्कि इसके लिए आपराधिक अभियोजन का सामना भी करना पड़ सकता है। न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि ऐसे किसी भी फर्जीवाड़े में संलिप्त व्यक्ति को गंभीर कानूनी परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
हालांकि उच्च न्यायालय ने पहले भी इस बारे में चेतावनी जारी की थी, फिर भी देखा जा रहा है कि कुछ धोखेबाज लोग नौकरी दिलाने के नाम पर आम जनता को गुमराह कर रहे हैं। ये व्यक्ति फर्जी वादों और आकर्षक प्रस्तावों के जरिए लोगों को ठगने का प्रयास कर रहे हैं। इस तरह की धोखाधड़ी की घटनाएं केवल वित्तीय नुकसान तक सीमित नहीं रहतीं, बल्कि पीड़ितों को कानूनी परेशानियों में भी डाल सकती हैं।
न्यायालय ने स्पष्ट रूप से पुनः यह निर्देश जारी किया है कि कोई भी व्यक्ति जो न्यायालयों में नियुक्ति संबंधी असत्य आश्वासनों या प्रलोभनों में पड़ता है, उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय और राज्य के अन्य जिला न्यायालयों में नियुक्ति हेतु किसी भी प्रकार का असंगत प्रतिफल देने या लेने का प्रयास कानूनी रूप से गलत है। इसके अलावा, अगर कोई व्यक्ति ऐसे अवैध कृत्य का शिकार बनता है या इसमें शामिल होता है, तो उसे भी आपराधिक अभियोजन के लिए उत्तरदायी ठहराया जाएगा।
इस सूचना के आधार पर यह स्पष्ट है कि न्यायालय किसी भी प्रकार की अनियमितताओं को बर्दाश्त नहीं करेगा। जो व्यक्ति इस प्रकार के कृत्यों में लिप्त पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह सिर्फ उन लोगों तक सीमित नहीं है जो फर्जी नौकरी का प्रलोभन दे रहे हैं, बल्कि उन लोगों के लिए भी चेतावनी है जो ऐसे प्रस्तावों को स्वीकार करते हैं।
न्यायपालिका की नियुक्तियों के संबंध में किसी भी आश्वासन या प्रलोभन से सावधान रहने की सलाह दी गई है। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने एक बार फिर यह सुनिश्चित किया है कि न्यायालयों में नियुक्ति प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और निष्पक्ष होगी। न्यायालय ने जनता से अपील की है कि वे ऐसे धोखेबाजों से दूर रहें और अगर उन्हें किसी प्रकार का प्रलोभन दिया जा रहा है, तो इसकी सूचना तुरंत संबंधित अधिकारियों को दें।