रायपुर। छत्तीसगढ़ के विधानसभा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री, डॉ. रमन सिंह द्वारा दुर्गा महाविद्यालय, रायपुर के अध्यापक डॉ. सुभाष चंद्राकर की लिखित पुस्तक “छत्तीसगढ़ के समाजवादी विचारक एवं हितचिंतक” का विमोचन किया गया। यह पुस्तक छत्तीसगढ़ के उन महापुरुषों पर आधारित है, जिन्होंने राज्य की संस्कृति, सामाजिक दृष्टिकोण और विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। डॉ. सुभाष चंद्राकर ने इस पुस्तक के माध्यम से छत्तीसगढ़ के समाजवादी धारा के नेताओं के योगदान को उजागर करने का प्रयास किया है, जो राज्य के विकास और सामाजिक चेतना को आकार देने में अग्रणी रहे हैं।
पुस्तक का उद्देश्य और महत्त्व
डॉ. सुभाष चंद्राकर ने विमोचन समारोह में पुस्तक का संक्षिप्त विवरण देते हुए बताया कि इसका उद्देश्य छत्तीसगढ़ के उन महापुरुषों के विचारों और कार्यों को सामने लाना है, जिन्होंने समाजवादी दृष्टिकोण से छत्तीसगढ़ की सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान को समृद्ध किया। यह पुस्तक उन नेताओं के संघर्ष, उनके आदर्शों और उनके समाजसेवी दृष्टिकोण को विस्तार से समझाती है, जिन्होंने राज्य में प्रगति की नींव रखी।
ठाकुर प्यारेलाल सिंह: समाजवादी दर्शन के प्रतीक
विमोचन के दौरान डॉ. रमन सिंह ने विशेष रूप से छत्तीसगढ़ के समाजवादी नेता ठाकुर प्यारेलाल सिंह के योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ठाकुर प्यारेलाल सिंह का जीवन दर्शन और उनके विचार उन्हें हमेशा प्रेरित करते रहे हैं। उन्होंने मध्य प्रांत में नेता प्रतिपक्ष के रूप में ठाकुर प्यारेलाल सिंह की ऐतिहासिक भूमिका का जिक्र करते हुए कहा कि उनके समाजवादी दृष्टिकोण और संघर्षशील स्वभाव ने छत्तीसगढ़ में जनहित के मुद्दों को प्रखर रूप से उठाया।
ठाकुर प्यारेलाल सिंह छत्तीसगढ़ के समाजवादी आंदोलन के प्रमुख नेता थे। उनके विचार और नीतियां राज्य के किसानों, मजदूरों और शोषित वर्ग के उत्थान के प्रति समर्पित रही हैं। उनका जीवन संघर्ष और समाज सेवा का प्रतीक था, और आज भी उनका नाम छत्तीसगढ़ की सामाजिक राजनीति में सम्मानित रूप से लिया जाता है।
विमोचन समारोह की विशेषताएं
इस समारोह में कई प्रमुख व्यक्तित्व उपस्थित थे, जिनमें डॉ. अजय शर्मा, प्रांतीय अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य अनुदान प्राप्त अशासकीय महाविद्यालय प्राध्यापक संघ, डॉ. राजेंद्र शुक्ला, प्रांतीय कोषाध्यक्ष, और राजनीति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. अजय चंद्राकर शामिल थे। सभी ने इस पुस्तक की सराहना की और इसके महत्त्व पर अपने विचार साझा किए। समारोह में उपस्थित वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. अमन झा और विप्लव चंद्राकर ने भी अपने विचार रखे।
समाजवादी विचारधारा का छत्तीसगढ़ पर प्रभाव
छत्तीसगढ़ के समाजवादी नेता न केवल सामाजिक बदलाव के प्रतीक थे, बल्कि उन्होंने राज्य के विकास की दिशा को भी मजबूत किया। इस पुस्तक के माध्यम से छत्तीसगढ़ की सामाजिक और राजनीतिक धारा में समाजवादी विचारधारा के महत्त्व को उजागर किया गया है।
छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक और सामाजिक धरोहर में समाजवादी नेताओं के योगदान को समझना आज की पीढ़ी के लिए अत्यधिक आवश्यक है। इस तरह की पुस्तकें न केवल हमारे अतीत को जीवंत रखती हैं, बल्कि वर्तमान और भविष्य की दिशा में मार्गदर्शक भी सिद्ध होती हैं।
डॉ. सुभाष चंद्राकर द्वारा लिखित यह पुस्तक छत्तीसगढ़ के समाजवादी आंदोलन और उसके विचारकों की धरोहर को संजोने का एक अनूठा प्रयास है। यह पुस्तक न केवल ऐतिहासिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि राज्य के सामाजिक और सांस्कृतिक विकास के प्रति एक दृष्टिकोण भी प्रस्तुत करती है।