बिलासपुर। शहर में कानून व्यवस्था की स्थिति दिन-ब-दिन गंभीर होती जा रही है। सामने आए एक सनसनीखेज मामले ने पूरे शहर को हिला दिया है। यह मामला लेन-देन के पुराने विवाद से जुड़ा हुआ है, जिसमें एक युवक का किडनैप किया गया और उसे बुरी तरह से पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया गया। यह घटना शहर की सुरक्षा व्यवस्था और पुलिस के कामकाज पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है।
तोरवा क्षेत्र से जुड़े इस मामले में 24 वर्षीय युवक हरिओम सिंह को 24 अक्टूबर की रात इंद्रजीत यादव, सुयश राजपूत और तीन अन्य व्यक्तियों ने किडनैप किया। हरिओम के परिजनों के अनुसार, इन व्यक्तियों ने उसे ले जाकर सकरी में बुरी तरह पीटा, जिसके बाद उसे थाना तारबाहर के मैग्नेटो मॉल के पास फेंक दिया गया। हरिओम ने अपने परिवार को फोन पर बताया था कि उसे पैसे के लेन-देन के विवाद में अगवा किया गया और 7-8 लाख रुपये की मांग की गई। इसके बाद, हरिओम की हालत बिगड़ती चली गई और उसकी मौत हो गई।
मृतक के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। पुलिस द्वारा किडनैपिंग और हत्या के इस मामले को एक दुर्घटना बताने की कोशिश की गई। मृतक के शरीर पर चोट के कई निशान थे, फिर भी तोरवा पुलिस ने इसे सामान्य घटना बताकर मामले को दबाने का प्रयास किया। परिजनों का कहना है कि पुलिस की लापरवाही और ढिलाई के कारण अपराधियों को पकड़ने में देरी हुई, जिससे उनका गुस्सा भड़क उठा।
यह घटना बिलासपुर शहर में बढ़ते अपराधों की एक और कड़ी है। हाल के दिनों में शहर में चाकूबाजी, मारपीट और हत्या जैसी घटनाएं आम हो गई हैं। पुलिस प्रशासन की नाकामी का यह हाल है कि अपराधियों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। एसपी रजनेश सिंह ने पुलिस अधिकारियों को अपराधों पर काबू पाने के निर्देश दिए थे, लेकिन इसके बावजूद अपराध की दर में कमी नहीं आई है।
शहर में लगातार हो रही इन घटनाओं से जनता में भय और असुरक्षा का माहौल है। परिजनों और शहरवासियों का कहना है कि पुलिस को अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए। अगर समय रहते उचित कार्रवाई नहीं की गई तो यह शहर के लिए गंभीर परिणाम ला सकता है।
बिलासपुर में इस तरह की घटनाओं का बढ़ना इस बात का प्रमाण है कि शहर की कानून व्यवस्था चरमरा गई है। पुलिस प्रशासन की असफलता और अपराधियों के हौसलों की बढ़त से शहर की स्थिति बेहद चिंताजनक हो गई है।
शहरवासियों को न्याय दिलाने और अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग तेजी से बढ़ रही है। यदि जल्द ही इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए गए तो यह असुरक्षा का माहौल और भी विकराल रूप ले सकता है। पुलिस प्रशासन को अपनी कार्यशैली पर पुनर्विचार कर अपराधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने होंगे, ताकि शहर में शांति और सुरक्षा बहाल हो सके।