बिलासपुर शहर का तोरवा थाना क्षेत्र एक बार फिर चर्चा में आ गया है, जब यहां के कुख्यात हिस्ट्रीशीटर रंजन गर्ग ने एक आरक्षक पर पिस्टल तान दी। यह घटना बुधवार रात की है, जब गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में पदस्थ आरक्षक रवि शर्मा अपने दोस्त की गाड़ी छोड़ने देवरीखुर्द पहुंचा था। उसी समय नशे में धुत रंजन गर्ग मौके पर पहुंचा और उसने अपने हाथ में पिस्टल लहराते हुए आरक्षक को धमकाने का प्रयास किया।
आरक्षक रवि शर्मा ने अपनी शिकायत में बताया कि वह चौक पर अपनी गाड़ी के पास खड़ा था और अपने दोस्त का इंतजार कर रहा था। उसी दौरान, शराब के नशे में लड़खड़ाते हुए रंजन गर्ग वहां पहुंचा। उसने आरक्षक से पूछा, “तू यहां क्या कर रहा है?” और तुरंत अपनी पिस्टल तान दी। हालांकि, रवि शर्मा ने सूझबूझ का परिचय देते हुए उसे बातचीत में उलझाए रखा, जिसके बाद रंजन गर्ग वहां से चला गया। इस घटना के बाद आरक्षक ने तोरवा थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई।
इस मामले में एक और मोड़ तब आया जब एडिशनल एसपी सिटी उमेश कश्यप ने यह बयान दिया कि आरक्षक खुद भी शराब के नशे में था। उन्होंने बताया कि देर रात को वह बिलासपुर क्यों आया था, यह एक संदिग्ध पहलू है, जिसे जांच के दायरे में रखा गया है। इसके अलावा, रंजन गर्ग और आरक्षक के बीच किसी प्रकार का संबंध होने की संभावना की भी जांच की जा रही है।
रंजन गर्ग का आपराधिक इतिहास
रंजन गर्ग बिलासपुर के सबसे कुख्यात अपराधियों में से एक है। उसके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें सबसे प्रमुख लालखदान में रविकांत राय की हत्या का मामला है। इस हत्या के लिए रंजन गर्ग को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी, लेकिन वह वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट से जमानत पर बाहर है। गर्ग परिवार का आपराधिक इतिहास पुराना है, जिसमें चुन्नू गर्ग का नाम भी शामिल है, जो पुलिस एनकाउंटर में मारा गया था।
लालखदान इलाके में गर्ग परिवार और राय परिवार के बीच पुरानी रंजिश और वर्चस्व की लड़ाई रही है। चुन्नू गर्ग ने एक आरक्षक की हत्या भी की थी, जिसके बाद से पुलिस ने उसकी धरपकड़ के लिए अभियान चलाया था और अंततः कोरबा में एनकाउंटर में उसे मार गिराया गया। इसके बाद लालखदान में गर्ग परिवार का प्रभाव कम हो गया, लेकिन रंजन गर्ग का नाम अब भी अपराध के मामलों में आता रहता है।
पुलिस की कार्यवाही और जांच
घटना के बाद पुलिस ने रंजन गर्ग की तलाश शुरू कर दी है, लेकिन वह अपने घर से गायब है। फिलहाल पुलिस मामले की तहकीकात कर रही है कि आरक्षक और रंजन गर्ग के बीच क्या संबंध हो सकते हैं और क्या यह मामला महज एक शराबी बदमाश की हरकत है या इसके पीछे कुछ और गंभीर कारण हैं।
इस घटना ने एक बार फिर बिलासपुर शहर में कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। खासतौर पर रंजन गर्ग जैसे कुख्यात अपराधियों की जमानत पर रिहाई और उनके द्वारा खुलेआम हथियार लहराना एक गंभीर चिंता का विषय है।