Wednesday, December 11, 2024
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बिलासपुर में प्रशासन की कार्रवाई: शराब कारोबारी द्वारा पाटे गए तालाब को मूल स्वरूप में लाने की मुहिम, जेसीबी और पुलिस बल की तैनाती…

बिलासपुर के अशोकनगर बिरकोना रोड में स्थित एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक तालाब पर पिछले कुछ समय से अवैध कब्जा था। प्रदेश के बड़े शराब कारोबारी अमोलक सिंह भाटिया और उनके परिवार ने इस तालाब को मिट्टी से पाटकर मैदान बना दिया था। इस मामले में प्रशासन ने उचित कदम उठाते हुए उस तालाब को उसके मूल स्वरूप में लाने की कार्रवाई शुरू कर दी है।

शिशु मंदिर के सामने स्थित यह तालाब नगर की एक महत्वपूर्ण जल निकाय था, जिसे भाटिया परिवार ने सैकड़ों हाइवा मिट्टी डालकर पाट दिया और कब्जा कर लिया था। प्रशासन को इस अवैध कब्जे की जानकारी मिलने पर तत्काल कार्यवाही के आदेश दिए गए। इस मामले में एसडीएम पीयूष तिवारी के नेतृत्व में जांच की गई, जिसमें यह स्पष्ट हुआ कि तालाब को मिट्टी से पाटा गया है, और इसे पूर्व स्थिति में लाना आवश्यक है।

एसडीएम तिवारी ने शराब कारोबारी भाटिया परिवार पर छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 253 के तहत 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था और तालाब को 15 दिनों के भीतर उसकी मूल स्थिति में लाने का आदेश दिया था। बावजूद इसके, कारोबारी परिवार ने समयसीमा में कोई कार्यवाही नहीं की, जिसके बाद जिला कलेक्टर अवनीश शरण के निर्देश पर प्रशासनिक टीम ने स्वयं तालाब को खोदने की कार्रवाई शुरू की।

तालाब की खुदाई के लिए प्रशासन ने पांच से अधिक जेसीबी और दर्जनभर से ज्यादा ट्रकों को लगाया। संभावित विरोध को देखते हुए कार्यवाही स्थल पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था, ताकि किसी अप्रिय स्थिति से बचा जा सके। पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने कलेक्टर के आदेश पर सुरक्षा की पूरी व्यवस्था की थी।

नगर निगम के आयुक्त अमित कुमार के निर्देशन में निगम की अतिक्रमण टीम ने सुबह से तालाब की खुदाई शुरू कर दी, और दोपहर तक भारी मात्रा में मिट्टी निकालकर तालाब को उसकी पुरानी स्थिति में लाने का प्रयास किया गया।

जांच के दौरान यह पाया गया कि उक्त भूमि खसरा नंबर 7, जो तालाब का हिस्सा थी, उसे अमोलक सिंह भाटिया और उनके परिवार द्वारा मिट्टी डालकर समतल कर दिया गया था। प्रशासन ने मौके पर जाकर तीन गवाहों के बयान लिए, जिनमें तालाब को पाटे जाने की पुष्टि हुई। इसके बाद भू राजस्व संहिता के तहत यह मामला दंडनीय पाया गया और अधिकारियों ने उचित जुर्माना लगाया।

प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार, भाटिया परिवार ने सैकड़ों हाइवा मिट्टी डालकर तालाब को भर दिया था, जिसे पूरी तरह से हटाकर तालाब को उसकी पूर्व स्थिति में लाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। इस कार्रवाई के लिए प्रशासन को निरंतर प्रयास करने होंगे। साथ ही, तालाब की खुदाई और मिट्टी हटाने का खर्च भी भाटिया परिवार से वसूला जाएगा।

यह मामला बिलासपुर शहर में अतिक्रमण और जल संसाधनों की अवहेलना का एक बड़ा उदाहरण है। स्थानीय प्रशासन की इस सख्त कार्रवाई से यह संदेश गया है कि सार्वजनिक संपत्ति पर अवैध कब्जे को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जनता भी इस कार्रवाई से संतुष्ट है, क्योंकि यह कदम पर्यावरण संरक्षण और जल स्रोतों की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

बिलासपुर में शराब कारोबारी भाटिया परिवार द्वारा तालाब पर किए गए अवैध कब्जे को हटाने की इस कार्रवाई ने प्रशासन की तत्परता और न्यायिक प्रक्रिया की पारदर्शिता को दिखाया है। इस तरह की कार्रवाई न केवल पर्यावरण संरक्षण के लिए जरूरी है, बल्कि यह समाज में कानून के प्रति जागरूकता और अनुशासन स्थापित करने में भी सहायक सिद्ध होगी।

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