बिलासपुर। बिलासपुर नगर निगम द्वारा हाल ही में अवैध प्लाटिंग के खिलाफ बड़ी कार्यवाही की गई। ग्राम बिरकोना स्थित भूमि पर नगर निगम के अधिकारियों ने बुलडोजर चलाकर अवैध निर्माण को ध्वस्त किया। यह कार्यवाही नगर निगम अधिनियम और कॉलोनाइजर नियमों के उल्लंघन के खिलाफ की गई, जिससे अवैध प्लाटिंग करने वालों के खिलाफ सख्त संदेश गया है।
बिलासपुर नगर निगम क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 64, महामाया नगर के पीछे ग्राम बिरकोना में भूमि खसरा क्रमांक 1259/1/ग और 1259/3/ग/2 में करीब 2.81 एकड़ भूमि पर अवैध रूप से प्लाटिंग की जा रही थी। संजय ध्रुव नामक व्यक्ति ने इस भूमि को 34 टुकड़ों में विभाजित कर विभिन्न लोगों को बेचने की कोशिश की, बिना नगर निगम से कॉलोनी विकास की अनुमति प्राप्त किए। यह छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 292 ग (2) और 2013 के कॉलोनाइजर नियमों का घोर उल्लंघन था, जो कि एक दंडनीय अपराध है।
नगर निगम ने इससे पहले संजय ध्रुव को अवैध प्लाटिंग पर नोटिस जारी किया था, लेकिन उसने इसके बावजूद अवैध निर्माण नहीं रोका। इसके बाद नगर निगम ने आज उस प्लाटिंग पर बनाई गई बाउंड्रीवाल और कच्ची सड़क को बुलडोजर से हटाते हुए जमीन समतल कर दी। अवैध प्लाटिंग पर बने कुछ भवनों को आंशिक रूप से तोड़ा गया, और भवन मालिकों को घर खाली करने का समय दिया गया।
सिर्फ संजय ध्रुव ही नहीं, ग्राम बिरकोना में ही खसरा क्रमांक 1259/12 में मरकाम नामक व्यक्ति द्वारा की जा रही अवैध प्लाटिंग पर भी कार्रवाई की गई। वहां भी बाउंड्रीवाल और कच्ची सड़क को ध्वस्त कर दिया गया। पूर्णिमा साहू के नाम पर बिना अनुमति चल रहे एक अन्य निर्माण को भी बंद करवा दिया गया और उन्हें नोटिस जारी किया गया।
नगर निगम की ओर से इस अवैध प्लाटिंग के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करने की तैयारी है। यह कदम अवैध प्लाटिंग और अवैध निर्माण के खिलाफ एक सख्त कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है। इस कार्यवाही के दौरान तहसीलदार सिध्दी गबेल, भवन अधिकारी सुरेश शर्मा, जोन आयुक्त भूपेन्द्र कुमार उपाध्याय, उप अभियंता जुगल किशोर सिंह, अतिक्रमण प्रभारी सहित कई निगम अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।
इस कार्यवाही ने यह स्पष्ट कर दिया है कि नगर निगम अवैध प्लाटिंग और बिना अनुमति के निर्माण के खिलाफ किसी भी प्रकार की ढील नहीं देगा। नगर निगम का यह कदम अवैध कॉलोनाइजर्स के लिए एक चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है, जिससे भविष्य में ऐसी गतिविधियों पर रोक लगेगी और शहर के विकास की प्रक्रिया नियमानुसार आगे बढ़ेगी।