बिलासपुर जिले में हाल ही में हुई चाकूबाजी की घटनाओं ने शहर और ग्रामीण क्षेत्रों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। चाकू से हमले और अपराधियों के बढ़ते हौसले को देखते हुए लगता है कि कानून-व्यवस्था का डर कम हो गया है, जिससे आम नागरिकों में असुरक्षा का माहौल बना हुआ है। मस्तूरी और तोरवा थाना क्षेत्रों में चाकूबाजी की दो घटनाओं ने विशेष रूप से लोगों की चिंता बढ़ाई है।
मस्तूरी थाना क्षेत्र के जयराम नगर में हाल ही में हुई घटना ने पुरानी दुश्मनी को लेकर हिंसा के रूप में एक भयावह मोड़ ले लिया। भोकलु और सुरेंद्र सेन नामक व्यक्तियों के बीच पुरानी रंजिश चल रही थी। समझौते के बहाने बुलाए जाने के बाद, भोकलु और उसके साथियों ने सुरेंद्र और युधिष्ठिर पर चाकू से हमला कर दिया। इस घटना ने यह साफ कर दिया कि पुरानी दुश्मनी की वजह से लोग आसानी से हिंसा पर उतर आते हैं, बिना कानून-व्यवस्था का ख्याल किए। दोनों घायल युवकों को गंभीर हालत में सिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
तोरवा थाना क्षेत्र में भी इसी तरह की एक दूसरी घटना घटी, जहां विष्णु प्रसाद कुर्मी नामक व्यक्ति और उसके परिवार पर हमला हुआ। बताया जा रहा है कि उसकी बेटी के साथ छेड़छाड़ की घटना से मामला शुरू हुआ। विरोध करने पर विष्णु के बेटे के साथ मारपीट की गई और जब विष्णु बीच-बचाव करने पहुंचे, तो उन पर भी चाकू से हमला कर दिया गया। घटना के बाद से आरोपी फरार हैं, और विष्णु अस्पताल में भर्ती हैं।
चाकूबाजी की ये घटनाएं सिर्फ कुछ व्यक्तियों के बीच के झगड़े तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह इस बात का संकेत है कि अपराधियों का मनोबल लगातार बढ़ रहा है। छोटी-छोटी बातों पर हथियार उठाने वाले असामाजिक तत्व समाज में डर का माहौल पैदा कर रहे हैं। इसमें नशेड़ी और गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त लोग भी शामिल हैं, जो बिना किसी भय के अपराध कर रहे हैं।
इन घटनाओं के बाद पुलिस ने अपराधियों की गिरफ्तारी का दावा किया है, लेकिन अब तक किसी भी आरोपी को पकड़ा नहीं जा सका है। इससे यह सवाल उठता है कि क्या पुलिस की कार्रवाई सिर्फ जांच तक ही सीमित रह गई है, या फिर अपराधियों को कानून का कोई डर नहीं रहा? आम जनता की सुरक्षा का जिम्मा पुलिस पर है, लेकिन ऐसी घटनाओं से समाज में कानून-व्यवस्था की कमी का संदेश जा रहा है।
चाकूबाजी की इन घटनाओं ने समाज में भय और असुरक्षा का माहौल पैदा कर दिया है। लोग खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, और पुलिस पर भरोसा कम हो रहा है। इस तरह की घटनाओं से समाज में नैतिकता और कानून के प्रति सम्मान घटता जा रहा है। आम जनता उम्मीद कर रही है कि पुलिस और प्रशासन जल्द ही ऐसे अपराधियों को सख्त सजा दिलाए और इलाके में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाए।
बिलासपुर में बढ़ती चाकूबाजी की घटनाएं एक गंभीर समस्या बनती जा रही हैं, जो न केवल कानून व्यवस्था को चुनौती दे रही हैं, बल्कि आम लोगों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े कर रही हैं। पुलिस को इन मामलों में त्वरित और सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है, ताकि अपराधियों के मन में कानून का डर पैदा हो सके और नागरिकों में सुरक्षा की भावना बहाल हो।