Tuesday, September 9, 2025
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बिलासपुर में विरोध प्रदर्शन से पहले NSUI नेता को पुलिस ने किया गिरफ्तार: अटल बिहारी वाजपाई विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार का है मामला…

बिलासपुर में राजनीतिक माहौल उस समय गरमा गया जब NSUI के प्रदेश सचिव रंजेश सिंह को पुलिस ने उनके घर से हिरासत में लिया। यह गिरफ्तारी उस समय की गई जब उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की थी। NSUI नेता ने उच्च शिक्षा सचिव आर. प्रसन्ना के विश्वविद्यालय दौरे के दौरान काला झंडा दिखाने की चेतावनी दी थी।

अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय, बिलासपुर, पिछले कुछ समय से भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरा हुआ है। छात्र संगठन NSUI (नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया) ने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया है और विश्वविद्यालय में हो रहे अनियमितताओं की जांच की मांग कर रहा है। इसके साथ ही, संगठन स्थाई कुलसचिव की नियुक्ति की भी पुरजोर मांग कर रहा है, ताकि प्रशासनिक प्रक्रियाओं में पारदर्शिता लाई जा सके।

NSUI नेताओं का कहना है कि उन्होंने कई बार विश्वविद्यालय प्रशासन और उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इन समस्याओं से अवगत कराया है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। ऐसे में, जब विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा सचिव आर. प्रसन्ना का दौरा निर्धारित हुआ, तो NSUI ने इसका विरोध करने का निर्णय लिया।

रंजेश सिंह और उनके साथियों ने यह साफ कर दिया था कि अगर विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार की जांच और स्थाई कुलसचिव की नियुक्ति को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो वे विरोध स्वरूप काला झंडा दिखाएंगे। यह प्रदर्शन विश्वविद्यालय के मोपका चौकी के सामने दोपहर 2 बजे से 5 बजे तक निर्धारित था।

हालांकि, विरोध प्रदर्शन से पहले ही पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कार्रवाई की। रंजेश सिंह को उनके घर से उठाकर मोपका चौकी ले जाया गया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि प्रशासन इस विरोध को लेकर सतर्क था।

NSUI का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन और उच्च शिक्षा विभाग ने छात्रों के हितों को अनदेखा किया है। भ्रष्टाचार की जांच और स्थाई कुलसचिव की नियुक्ति जैसे मुद्दे छात्रों के भविष्य से सीधे जुड़े हुए हैं, लेकिन इन मुद्दों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है।

रंजेश सिंह का कहना है कि जब तक प्रशासन इन मांगों को पूरा नहीं करता, तब तक NSUI अपने विरोध को जारी रखेगा। उनका मानना है कि छात्रों के अधिकारों के लिए आवाज उठाना जरूरी है, और विश्वविद्यालय में पारदर्शिता और निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए स्थाई कुलसचिव की नियुक्ति अनिवार्य है।

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