बिलासपुर, 10 दिसंबर 2024
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, मुख्यालय बिलासपुर में 10 दिसंबर 2024 को राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण सप्ताह के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण सेमिनार का आयोजन किया गया। यह आयोजन 8 दिसंबर से 14 दिसंबर 2024 तक मनाए जा रहे ऊर्जा संरक्षण सप्ताह का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य ऊर्जा संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना और इसे व्यावहारिक जीवन में अपनाने की दिशा में प्रयास करना है।
इस सेमिनार में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की महाप्रबंधक सुश्री नीनु इटियेरा, प्रमुख विभागाध्यक्षों सहित ऊर्जा संरक्षण से जुड़े तकनीकी विशेषज्ञों ने भाग लिया। अपने संबोधन में सुश्री इटियेरा ने ऊर्जा संरक्षण की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारतीय रेलवे द्वारा ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने के प्रयासों का मुख्य उद्देश्य न केवल पर्यावरण की सुरक्षा करना है, बल्कि इसे स्थायी विकास के लिए आवश्यक कदम के रूप में भी देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऊर्जा संरक्षण एक सामूहिक जिम्मेदारी है, जो देश की प्रगति और पर्यावरण संतुलन के लिए अनिवार्य है।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की ऊर्जा संरक्षण पहलें:
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने ऊर्जा संरक्षण की दिशा में कई प्रभावशाली कदम उठाए हैं, जो पर्यावरणीय सुधार और ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण साबित हो रहे हैं। इन प्रमुख पहलों में शामिल हैं:
1. 100% विद्युतीकरण: रेलवे नेटवर्क का पूर्ण विद्युतीकरण किया गया, जिससे जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम हुई और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में उल्लेखनीय कमी आई।
2. 50 मेगावाट भूमि आधारित सौर ऊर्जा संयंत्र: भिलाई के चरोदा में स्थापित इस संयंत्र से सालाना 20 करोड़ रुपये की बचत हो रही है, जो नवीकरणीय ऊर्जा के प्रति रेलवे की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
3. रूफ-टॉप सौर ऊर्जा प्रणाली: रेलवे स्टेशनों और अन्य भवनों की छतों पर सौर ऊर्जा पैनल लगाए गए हैं, जिनसे 5.45 मेगावाट की क्षमता से हर महीने 3.8 लाख यूनिट बिजली उत्पन्न हो रही है। इससे लगभग 10.1 लाख रुपये की मासिक बचत हो रही है।
4. पुनर्योजी ब्रेकिंग तकनीक: तीन-फेज लोकोमोटिव में पुनर्योजी ब्रेकिंग तकनीक के प्रयोग से लगभग 15% ऊर्जा की बचत हो रही है।
5. हेड ऑन जनरेशन (एचओजी) मोड: 22 ट्रेनों का संचालन एचओजी मोड में किया जा रहा है, जिससे 34.36 लाख लीटर डीजल तेल की बचत हो रही है।
अन्य ऊर्जा संरक्षण प्रयास:
- – एलईडी लाइट, ऊर्जा की कम खपत वाले पंखों और 3-स्टार या उच्च रेटेड उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है।
- – रेलवे के कई भवनों को भारतीय ऊर्जा ब्यूरो द्वारा “शून्य/शून्य+” प्रमाणित किया गया है।
- – प्लेटफॉर्म लाइटिंग के 30%/70% स्विचिंग को स्वचालित किया गया है, जिससे बिजली की खपत में कमी आई है।
सेमिनार की मुख्य प्रस्तुतियाँ:
इस सेमिनार में ऊर्जा संरक्षण के नवीनतम तकनीकी सुधारों पर चर्चा की गई। प्रमुख प्रस्तुतियों में बैटरी स्टोरेज सिस्टम, सोलर ट्यूब्स, और सुपर ECBC (एनर्जी कंज़र्वेशन बिल्डिंग कोड) अनुपालन जैसे उन्नत तकनीकों का प्रदर्शन किया गया। साथ ही, एक प्रदर्शनी भी लगाई गई जिसमें ऊर्जा संरक्षण में नई तकनीकों को प्रदर्शित किया गया।
समारोह की सराहना:
इस अवसर पर उपस्थित सभी लोगों ने दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे द्वारा उठाए गए ऊर्जा संरक्षण के कदमों की सराहना की। सेमिनार ने यह स्पष्ट किया कि रेलवे द्वारा अपनाई गई ये पहलें न केवल ऊर्जा की बचत कर रही हैं बल्कि पर्यावरणीय संरक्षण के प्रति रेलवे की गंभीरता और प्रतिबद्धता को भी दर्शाती हैं।
राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण सप्ताह 2024 के दौरान इस तरह के प्रयास और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाते हैं, क्योंकि यह न केवल सरकार की नीतियों का समर्थन करता है बल्कि पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखने की दिशा में भी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करता है।