Wednesday, December 18, 2024
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बिलासपुर रेलवे स्टेशन का प्री-पेड बूथ बंद, जिम्मेदारों की लापरवाही से रेल यात्रियों से हो रही अवैध असूली…

बिलासपुर रेलवे स्टेशन, जो छत्तीसगढ़ के सबसे व्यस्त स्टेशनों में से एक है, यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने की दिशा में हमेशा चर्चा में रहता है। लेकिन यहां का प्री-पेड बूथ, जिसे कुछ वर्षों पहले यात्रियों की सुविधा के लिए ट्रैफिक पुलिस द्वारा शुरू किया गया था, आज अपनी दुर्दशा के कारण सुर्खियों में है। यह सुविधा, जो यात्रियों को ऑटो रिक्शा चालकों की मनमानी से बचाने और सस्ती और पारदर्शी सेवाएं प्रदान करने के लिए थी, अब लापरवाही और उदासीनता की शिकार हो चुकी है।

प्री-पेड बूथ की जरूरत और विफलता

बिलासपुर रेलवे स्टेशन पर प्री-पेड बूथ की शुरुआत एक सराहनीय कदम था। इसका उद्देश्य यात्रियों को उनके गंतव्य तक उचित दरों पर और बिना किसी परेशानी के पहुंचाना था। लेकिन वर्तमान स्थिति चिंताजनक है। यह सुविधा बार-बार बंद हो रही है, जिससे यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।

ऑटो रिक्शा चालकों की मनमानी, ट्रैफिक पुलिस और रेलवे प्रशासन की उदासीनता के कारण यह बूथ बंद पड़ा है। नतीजतन, यात्रियों को ज्यादा पैसे चुकाने के लिए मजबूर होना पड़ता है।

जिम्मेदारों की भूमिका और आवश्यक कदम
यह समझना महत्वपूर्ण है कि प्री-पेड बूथ की सफलता के लिए ट्रैफिक पुलिस, रेलवे प्रशासन, और ऑटो रिक्शा चालकों के बीच समन्वय आवश्यक है। लेकिन यह समन्वय अभी तक देखने को नहीं मिला है। जिम्मेदार अधिकारियों को निम्नलिखित कदम उठाने की सख्त आवश्यकता है:

  • 1. सख्त निगरानी व्यवस्था:
    – प्री-पेड बूथ पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने चाहिए।
    – ऑटो रिक्शा चालकों को पर्ची कटवाना अनिवार्य किया जाए, और इसकी निगरानी के लिए ट्रैफिक पुलिस और आरपीएफ के जवान तैनात हों।
  • 2. लापरवाह चालकों पर कार्यवाही:
    – नियम तोड़ने वाले चालकों पर सख्त जुर्माना और कार्रवाई की जाए ताकि वे मनमानी न कर सकें।
  • 3. सुविधा का प्रचार:
    – यात्रियों को इस सुविधा के बारे में जागरूक किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि वे प्री-पेड बूथ का ही उपयोग करें।
  • 4. संयुक्त प्रयास:
    – ट्रैफिक पुलिस और रेलवे प्रशासन को मिलकर इस सुविधा को व्यवस्थित तरीके से पुनः शुरू करना चाहिए।

यात्रियों की मांग
आम यात्रियों का कहना है कि प्री-पेड बूथ एक बड़ी राहत है, बशर्ते इसे सही तरीके से चलाया जाए। उनका सुझाव है कि बूथ को प्रभावी बनाने के लिए जिम्मेदार विभागों को नियमित रूप से निरीक्षण करना चाहिए। साथ ही, ट्रैफिक पुलिस को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी ऑटो रिक्शा चालक प्री-पेड बूथ की पर्ची कटवाए बिना स्टेशन से बाहर न जाए।

प्री-पेड बूथ की सुविधा यात्रियों के लिए एक वरदान साबित हो सकती है, लेकिन इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों को गंभीरता दिखानी होगी। ऑटो चालकों की मनमानी और प्रशासन की लापरवाही से यह सुविधा बंद होने के कगार पर पहुंच गई है। इसे पुनः व्यवस्थित और सुचारू रूप से शुरू करने के लिए एक सख्त और प्रभावी योजना की आवश्यकता है। यात्रियों के हित में इस दिशा में जल्द से जल्द कदम उठाए जाने चाहिए।

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