बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के नगरीय निकायों में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों को पिछले 2 से 5 महीनों से वेतन भुगतान नहीं हो रहा है। इस स्थिति ने उनके लिए गंभीर आर्थिक और सामाजिक समस्याएँ उत्पन्न कर दी हैं। वेतन भुगतान में देरी का मुख्य कारण निकायों की आय के स्रोतों पर लगाई गई रोक और विभिन्न करों एवं शुल्कों में कटौती को माना जा रहा है।
वेतन भुगतान में देरी के कारण:
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा नगरीय निकायों की आय को प्रभावित करने वाले कई कदम उठाए गए हैं, जिनमें बाजार टैक्स, औद्योगिक कर, मुद्रांक शुल्क, वाणिज्य कर और चूंगी क्षतिपूर्ति की कटौती शामिल है। इसके परिणामस्वरूप निकायों को पर्याप्त राजस्व प्राप्त नहीं हो रहा है, जिससे वेतन भुगतान में समस्या उत्पन्न हो रही है।
अन्य प्रमुख समस्याएँ और उनके समाधान की माँगें:
1. दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों का नियमितीकरण:
25-30 वर्षों से कार्यरत दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को अब तक नियमित नहीं किया गया है। इनके नियमितीकरण के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
2. ठेका प्रथा समाप्ति:
2013 में गठित उच्चस्तरीय कमेटी के निर्णय का पालन करते हुए ठेका प्रथा को समाप्त कर ठेका कर्मचारियों को नियमित किया जाए।
3. पदोन्नति चैनल का निर्माण:
सीएमओ और अन्य एकांगी पदों पर कार्यरत कर्मचारियों के लिए पदोन्नति चैनल बनाया जाए, जिससे वे अपने कार्य में प्रोत्साहित महसूस करें।
4. प्लेसमेंट कर्मचारियों और स्वच्छता कार्यकर्ताओं के अधिकार:
डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण करने वाले चालकों और हेल्परों को न्यूनतम वेतन अधिनियम के तहत सुविधाएँ दी जाएँ। इसके साथ ही ईएसआईसी कार्ड, भविष्य निधि, साप्ताहिक अवकाश जैसी सुविधाएँ प्रदान की जाएँ।
5. पुरानी पेंशन योजना की बहाली:
नगरीय निकाय के कर्मचारियों को अन्य शासकीय सेवकों की भांति पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाए।
6. छठवें और सातवें वेतनमान का एरियर भुगतान:
01/01/2016 से 31/03/2018 तक का बकाया एरियर भुगतान जल्द से जल्द किया जाए।
7. अनुकंपा नियुक्ति में देरी:
मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को नियमित नियुक्ति प्रदान की जाए, ताकि उनके परिवार आर्थिक और सामाजिक समस्याओं से उबर सकें।
8. चूंगी क्षतिपूर्ति में वृद्धि:
मध्य प्रदेश की तरह प्रति व्यक्ति चूंगी क्षतिपूर्ति 105 रुपये निर्धारित कर छत्तीसगढ़ में भी निकायों को इस अनुपात में सहायता दी जाए।
9. अन्य कार्यों का बोझ हटाया जाए:
नगरीय निकायों के कर्मचारियों को उनके विभागीय कार्यों के अलावा अन्य कार्यों, जैसे पशुधन गणना, कृषि धन गणना, राशन कार्ड सर्वे आदि में न लगाया जाए।
10. कर्मचारी सम्मान निधि का भुगतान:
राज्य शासन द्वारा निर्धारित 4000 रुपये की सम्मान निधि का सभी कर्मचारियों को समय पर भुगतान सुनिश्चित किया जाए।
समस्याओं का समाधान आवश्यक:
नगरीय निकायों में कार्यरत कर्मचारियों के लिए वेतन और अन्य सुविधाओं की कमी न केवल उनके जीवन को प्रभावित कर रही है, बल्कि नगर प्रशासन की कार्यक्षमता पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है। शासन को इन समस्याओं पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर शीघ्र ही समाधान के लिए कदम उठाने चाहिए।
कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान करना न केवल उनके जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाएगा, बल्कि छत्तीसगढ़ के नगरीय प्रशासन को भी सशक्त बनाएगा। शासन को इन माँगों को प्राथमिकता देते हुए आवश्यक निर्णय लेना चाहिए।