बिलासपुर जिले के मंगला क्षेत्र में घरेलू गैस सिलेंडरों की कालाबाजारी और अवैध भंडारण का मामला उजागर हुआ है। 19 दिसंबर 2024 को खाद्य विभाग की जांच टीम ने महामाया पार्क कॉलोनी स्थित एक गोदामनुमा मकान की जांच के दौरान अनियमितताओं का खुलासा किया। यह मकान शारदा गैस सर्विस के बुकिंग काउंटर के रूप में संचालित किया जा रहा था।
जांच के दौरान मकान में 18 आंशिक भरे और 12 पूर्ण रूप से भरे घरेलू गैस सिलेंडर पाए गए। मकान में कार्यरत कर्मचारी पुष्पा मरकाम ने बताया कि यहाँ शारदा गैस सर्विस से सिलेंडरों का भंडारण और वितरण किया जाता है। प्रतिदिन 20-25 सिलेंडरों का गोदाम में भंडारण और वितरण होता है।
शारदा गैस सर्विस के कर्मचारी लव कुमार यादव ने गैस सिलेंडर वितरण से संबंधित एक पंजी प्रस्तुत की, जिसमें प्रतिदिन 35-40 सिलेंडरों के वितरण का विवरण पाया गया। हालांकि, उनके पास कोई वैध दस्तावेज नहीं थे। जांच के दौरान यह भी सामने आया कि उपभोक्ताओं से 1000-1200 रुपये की दर से सिलेंडर बेचे जा रहे थे, जो सरकार द्वारा निर्धारित दर से कहीं अधिक है।
आईओसीएल (इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड) के सेल्स ऑफिसर ने शारदा गैस सर्विस के इस रिहायशी क्षेत्र में संचालित अनाधिकृत काउंटर और गैस सिलेंडरों के भंडारण को अवैध घोषित किया। द्रवीकृत पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) के वितरण और भंडारण के लिए बनाए गए विनियमन आदेश 2000 की विभिन्न धाराओं का उल्लंघन पाया गया।
प्रशासन ने मौके पर मौजूद सभी सिलेंडरों को जप्त कर लिया। शारदा गैस एजेंसी के प्रोपाइटर सुभाष जायसवाल और कर्मचारी लव कुमार यादव के खिलाफ द्रवीकृत पेट्रोलियम प्रदाय और वितरण विनियमन आदेश 2000 की धाराओं का उल्लंघन करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
खाद्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि घरेलू गैस सिलेंडरों की कालाबाजारी और शासन के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वाले एजेंसियों और व्यापारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। यह कदम उपभोक्ताओं के अधिकारों और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि घरेलू गैस सिलेंडरों की कालाबाजारी न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि यह आम नागरिकों की सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा उत्पन्न करती है। प्रशासन की इस कार्रवाई से संदेश जाता है कि ऐसे मामलों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।